पटना (निप्र)। बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में आयुष्मान योजना के लाभुकों से बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जहां 2125 रुपये की एमआरआई जांच के एवज में मरीज को 33 हजार रुपये का बिल थमा दिया। गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में इस योजना के नाम पर धांधली का खेल चल रहा है। दरअसल अस्पताल में नया कारनामा सामने आया है। जहां आयुष्मान कार्ड धारक एक मरीज ने 2125 की एमआरआई जांच करायी। वहीं अस्पताल प्रबंधन की तरफ 33000 का बिल थमा दिया गया। यह पूरा मामला एक पैर से दिव्यांग महिला सुमित्रा देवी से जुड़ा है।
सुमित्रा देवी ने बताया कि वह समस्तीपुर जिले की रहने वाली है। उनका कोई नहीं है। ऐसे में वह पटना में लोगों से मांग कर और झाड़ू पोछा करके अपना जीवन यापन करती है। उन्होंने बताया कि उनके 14 वर्षीय बेटे गणपत कुमार को पिछले 1 साल से पीठ में काफी तकलीफ शुरू हो गई है। बच्चे को बचपन में बीच में एक गंभीर घाव हुआ था। जिसका इलाज होने के बाद बाद ठीक हो गया लेकिन वहां काफी दर्द फिर से शुरू हो गया है। बच्चे का दाहिना हाथ कई बार पूरी तरह से अकड़ जा रहा है और रीड की हड्डी में भी काफी तकलीफ है।
पीएमसीएच में कई बार पहुंची मगर किसी डॉक्टर मेरे बच्चे को सही नहीं देखा। जब अस्पताल अधीक्षक से मिली और बताया कि वह काफी लाचार हैं, तब जाकर अधीक्षक ने उनके बच्चे को राजेंद्र सर्जिकल के सेकंड फ्लोर पर वार्ड में भर्ती कराया। 15 दिन से उसी वार्ड में हूं। मगर बच्चे को अभी तक कोई भी दवाई अस्पताल की तरफ से नहीं दी गई। अंत में डॉक्टर ने एमआरआई करवाया और रिपोर्ट देखने के बाद बताया कि मामला ज्यादा गंभीर नहीं है। अब अस्पताल से डिस्चार्ज करने का निर्देश दे दिया है। कुछ दवाइयां भी लिखी गई है। सुमित्रा देवी ने बताया कि डॉक्टर ने कहा कि कुछ ही दवाइयां अस्पताल में मिलेगी। बाकी दवाइयां उन्हें अपने खर्चे से बाहर से लेना होगा।
वहीं सुमित्रा देवी ने कहा कि जब वह अपने बच्चे को एमआरआई कराने ले गई तो 2125 रुपए का जांच हुआ, लेकिन जांच के समय एक व्यक्ति ने मेरा आयुष्मान कार्ड का पूरा ब्योरा नोट कर लिया। जब वह एमआरआई करा कर निकली तो 33000 का पुर्जे पर बिल बना दिया गया। अस्पताल के कर्मियों ने कहा कि आप सिर्फ इलाज से मतलब रखिए और पैसा का ब्योरा सरकार को दिया जा रहा है। इससे आपको कोई मतलब नहीं होना चाहिए और ना ही आपको इसकी कोई जानकारी दी जाएगी। लेकिन 33000 का बिल आने से हैरान हूं।
बता दें कि केंद्र सरकार नेगरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना को शुरू किया था। इस योजना के द्वारा करीब 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। आयुष्मान भारत योजना वास्तव में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है। जिसके तहत गरीब लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक के इलाज के लिए कैशलेश कवरेज प्रदान किया जाता है।