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फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ समेत यूपी के कई इलाकों में वायरल फीवर का खौफ, ICMR की टीम भी पहुंची


  • उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में इस वक्त रहस्यमयी वायरल बुखार (Fever in UP) ने चिंता में डाला हुआ है. मथुरा के बाद अब फिरोजाबाद और लखनऊ के हालात खराब हैं. सिर्फ फिरोजाबाद में 50 लोग इस वायरल बुखार से जान गंवा चुके हैं. वहीं लखनऊ के विभिन्न हॉस्पिटलों में 400 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं, जिनमें 40 बच्चे भी शामिल हैं. फिरोजाबाद में तो लापरवाही के लिए तीन डॉक्टर्स को सस्पेंड तक कर दिया गया है.

रहस्यमयी वायरल बुखार के साथ-साथ मॉनसून में डेंगू और टायफायड के मामले भी देखने को मिल रहे हैं. फिलहाल प्रशासन का सबसे ज्यादा ध्यान फिरोजाबाद की तरफ है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक 11 सदस्यों की टीम भी फिरोजाबाद पहुंची हुई है, जो लगातार शोध करके जानकारी जुटा रही है.

कहां-कहां सामने आए बुखार के मामले

बुखार और इससे मौत के मामले मथुरा, एटा, मैनपुरी के साथ-साथ फिरोजाबाद में सामने आए हैं. इसके बाद अब लखनऊ में बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं. मथुरा और फिरोजाबाद में डेंगू और टायफायड के मामले भी देखे गए हैं.

लखनऊ में 400 से ज्यादा मरीज भर्ती

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी मरीज बढ़ते जा रहे हैं. लखनऊ के विभिन्न सरकारी हॉस्पिटल में आने वाले कुल मरीजों के 20 फीसदी को बुखार, सर्दी लगने, ब्लीडिंग की दिक्कत हो रही है. विभिन्न हॉस्पिटलों में ऐसे 400 मरीज भर्ती हो चुके हैं, इसमें से 40 बच्चे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि मामले मौसमी बुखार के हैं लेकिन इतनी तेजी से मरीजों के बढ़ने से दहशत की सी स्थिति है. फिलहाल ओपीडी में भर्ती किए जाने से पहले मरीज का कोरोना एंटीजन टेस्ट भी किया जा रहा है. पिछले एक हफ्ते में ही यहां के हॉस्पिटलों में 15 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं.

इसके साथ-साथ कानपुर का भी बुरा हाल है. वहां बुखार के इतने मरीज हैं कि हॉस्पिटलों में वॉर्ड फुल हो चुके हैं. एक बेड पर दो दो मरीज लेटाए गए हैं. वहां पिछले 7 दिनों में डेंगू और इस वायरल बुखार से 10 लोगों की मौत हो चुकी है.

फिरोजाबाद में 50 मौत

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में पिछले 24 घंटे में 5 और मौतें हुई हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दिनेश कुमार की मानें तो अब मौतों का आंकड़ा बढ़कर 50 हो गया है. इन मौतों में वो डेटा शामिल नहीं है जिनकी घर मे ही इलाज के दौरान मौत हुई है. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो जिले के बाहर इलाज करवाने गए, उनका भी आंकड़ा फिलहाल नहीं मिल पाया है.