- पंजाब की राजनीति में 53 लाख परिवारों का बकाया बिजली बिल माफ करके वोट का बल्ब जलाने वाली राजनीति हो रही है. जनता को पता भी नहीं चलता कि इसी मुफ्त बिजली वाले वादे के करंट से सत्ता का बल्ब तो पार्टियां जला लेती हैं. लेकिन बाद में उसका बिल भी जनता से ही भरवाती हैं.
30 जून को अरविंद केजरीवाल पंजाब की जनता से सत्ता दिला देने के बदले हवा में हाथ लहराकर जीरो दिखाकर मुफ्त बिजली का ऐलान कर रहे थे. अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ सिद्धू की छेड़ी धुन से सत्ता पाकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जनता का बकाया बिजली बिल का पैसा सरकार के खजाने से भरने का ऐलान किया.
दो किलोवॉट तक के उपभोक्ता जिनका बिल बकाया है, जो डिफॉल्टर हैं उनका बकाया बिल सरकार भरेगी, चाहे बिल 5000 हो या पचास हजार सब बिल सरकार भरेगी.
चरणजीत सिंह चन्नी, सीएम, पंजाब
दिल्ली से शुरू हुआ बिजली से वोट उत्पादन का फॉर्मूला
वह केजरीवाल ही थे जो दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त की बिजली का वादा करके सीएम की कुर्सी तक पहुंचे. इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का ऐलान कर दिया. बिजली से वोट उत्पादन का फॉर्मूला फिर ममता बनर्जी ने अपनाया. पश्चिम बंगाल में 75 यूनिट बिजली मुफ्त का वादा करके वो भी सत्ता में लगातार कायम हैं.
उत्तराखंड में भी चुनाव होना है, तो पहले ही सरकार ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली का प्रस्ताव निकाल दिया. पंजाब में केजरीवाल ने 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का भरोसा सत्ता पाते ही पहले दिन से करने की बात कही है.