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बंगाल में ‘परिवर्तन यात्रा’ को  नड्डा ने दिखाई हरी झंडी


 ‘जय श्रीराम’ के नारे से दीदी को दिक्कत क्यों-जेपी नड्डा

नवद्वीप। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के नवद्वीप से पार्टी की ‘परिवर्तन यात्रा’ की शुरुआत की और कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में लोगों ने ममता बनर्जी की सरकार की विदाई का मन बना लिया है। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर प्रशासन के राजनीतिकरण और पुलिस के अपराधीकरण का भी आरोप लगाया। नड्डा ने दावा किया कि टीएमसी का नारा “मां, माटी, मानुष” से बदलकर वास्तविकता में “तानाशाही, तोलाबाजी (रंगदारी) और (मुस्लिम) तुष्टिकरण” हो गया है।

उन्होंने कहा कि टीएमसी सरकार ने उन लोगों के साथ विश्वासघात किया है जिन्होंने उस पर भरोसा जताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के शासन में सिर्फ टीएमसी नेताओं का फायदा हुआ और यहां तक कि अंफान तूफान के बाद राहत के लिये भेजी गई रकम में भी उनके द्वारा हेरफेर की गई। नड्डा ने ‘जय श्रीराम’ के नारे को लेकर ममता की नाराजगी का मुद्दा भी उठाया और इस नारे को देश की संस्कृति से जुड़ा बताया। उन्होंने कहा, “वह ‘जय श्रीराम’ के नारे से इतनी नफरत क्यों करती हैं? अपने ही देश की संस्कृति से जुड़ना गलत है क्या? वे (टीएमसी) वोट-बैंक की राजनीति के लिए देश की संस्कृति को नकारना चाहते हैं।”

बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगने के बाद संबोधन से इनकार कर दिया था। विधानसभा चुनावों से पहले बनर्जी द्वारा शुरू किये गई घरेलू-बाहरी की बहस का उल्लेख करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी का प्रदेश नेतृत्व पश्चिम बंगाल की संस्कृति की रक्षा करेगा और उसे प्रगति के पथ पर लेकर जाएगा।

उन्होंने आरोप लगाया, “ममता बनर्जी सरकार ने प्रशासन का राजनीतिकरण, पुलिस का अपराधीकरण और भ्रष्टाचार को संस्थागत कर दिया है।” उन्होंने बाद में 15वीं शताब्दी के संत चैतन्य महाप्रभु की जन्मस्थली नवद्वीप से पश्चिम बंगाल में बदलाव लाने के उद्देश्य से भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ के तहत एक परिष्कृत ‘रथ’ को भी झंडी दिखाकर रवाना किया।