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बच्चों की जुबानी पीएम मोदी ने खींचा आजादी के शताब्दी वर्ष का खाका,


नई दिल्ली, । नए साल में अपनी पहली ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परोक्ष रूप से स्वतंत्रता के सौ साल पूरे होने पर भारत की भावी तस्वीर का भी खाका खींचा है। देश के अलग अलग हिस्सों से बच्चों के कुछ पत्रों को उन्होंने साझा किया जिसमें एक ऐसे उन्नत भारत की आशा की गई है जो भ्रष्टाचार मुक्त हो, सबसे स्वच्छ हो, जहां किसान समृद्ध हों और भारत चांद पर अपनी प्रयोगशाला बनाने और मंगल पर जीवन बसाने में सक्षम हो।

बजट से पहले दिए बड़े संकेत

एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी के इस परोक्ष संकेत को बजट घोषणाओं से भी जोड़कर देखा जा सकता है। दरअसल पिछले सात वर्षों में केंद्र सरकार बार बार इसी दिशा की ओर से इशारा करती रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के मंत्र के साथ ही 2014 में मोदी सरकार आई थी।

विपक्ष को कड़ा संदेश

जवानों के पत्रों का किया जिक्र

ध्यान रहे कि इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति को युद्ध स्मारक में मिलाए जाने पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जताई थी। रविवार को पीएम ने कहा- मुझे सेना के कुछ पूर्व जवानों ने पत्र लिखकर कहा है कि शहीदों की स्मृति के सामने प्रज्ज्वलित हो रही ‘अमर जवान ज्योति’ शहीदों की अमरता का प्रतीक है। पीएम ने आग्रह किया कि सभी अपने परिवार के साथ वहां जाएं। वहां उर्जा मिलेगी।

खींचा नए भारत का खाका

फिलहाल देश में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि कई बच्चों ने भी उन्हें पत्र लिखा है और 100वें साल में नए भारत की कल्पना की है। असम की एक बच्ची रिद्धिमा ने लिखा है कि वह ऐसा भारत देखना चाहती हैं जो दुनिया का सबसे स्वच्छ देश हो, आतंकवाद से पूरी तरह से मुक्त हो, शत-प्रतिशत साक्षर हो, दुर्घटना मुक्त हो और जहां खाद्य सुरक्षा हो।

नए भारत में बढ़ें स्‍पेस की ओर कदम

पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज की नव्या ने वर्ष 2047 में ऐसे भारत की बात की है जहां सबको सम्मानपूर्ण जीवन मिले, किसान समृद्ध हो और भ्रष्टाचार न हो। केरल के मोहम्मद इब्राहिम का सपना है कि 2047 में भारत रक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत के रूप में स्थापित हो। वह चंद्रमा पर भारत के अपने अनुसंधान बेस और मंगल पर आबादी को बसाने में भारत की भूमिका देखना चाहते हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का आह्वान

पीएम ने इन युवाओं की पीठ थपथपाते हुए कहा कि जब ऐसे युवा अपने सपने को साकार करने में जुटेंगे तो सचमुच भारत उंचाई पर खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार तो दीमक की तरह देश को खोखला करता है उससे मुक्ति के लिए 2047 का इंतजार क्यों? ये काम हम सभी देशवासियों को, आज की युवा-पीढ़ी को मिलकर करना है, जल्द से जल्द करना है।

वोकल फार लोकल की अपील

पीएम मोदी ने हाल में घोषित पद्म पुरस्कारों में योग्य लेकिन गुमनाम लोगों को सम्मानित किए जाने का भी हवाला दिया। साथ ही कोरोना से जंग में भारत की सार्थक लड़ाई की भी याद दिलाई। उन्होंने खुशी जताई कि पहले तीन हफ्ते में ही 18 वर्ष के कम से 60 फीसद किशोरों ने टीका लगवा लिया है जबकि देश में 75 फीसद वयस्कों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई मे उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की बात की तो वोकल फार लोकल और आत्मनिर्भर भारत की याद भी दिलाई।