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बच्चों में कोरोना के बाद एमआईएस-सी ने बढ़ाई चिंता, दिल-गुर्दे हो सकते हैं प्रभावित


  • बेंगलुरु: कोविड-19 से उबर चुके मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स के लिए ब्लैक फंगस के बाद बच्चों में ‘मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम’ (एमआईएस-सी) नई चिंता का कारण बनकर उभरा है. इस सिंड्रोम में कई अंग प्रभावित होते हैं और सामान्य तौर पर कोविड-19 से संक्रमित होने के कई हफ्तों बाद इसे देखा गया है. महामारी से उबरे बच्चों के इससे संक्रमित होने का खतरा पैदा हो सकता है.

फोर्टिस हेल्थकेयर में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेश कुमार गुप्ता ने बताया, ‘मैं नहीं कह सकता कि यह (एमआईएस-सी) खतरनाक है या इससे जीवन को खतरा है लेकिन निश्चित रूप से कई बार यह संक्रमण बच्चों को बुरी तरह से प्रभावित करता है. यह बच्चों के हृदय, जिगर और गुर्दे को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. यह संक्रमण (कोविड-19) होने के चार से छह सप्ताह के बाद होता है.’

मामूली या हल्के लक्षण

गुप्ता ने कहा कि एमआईएस-सी कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए शरीर में बने एंटीजन से प्रतिक्रिया का नतीजा है. उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 का संक्रमण ऐसा कुछ है जिसके बारे में हम चिंतित नहीं होते क्योंकि अधिकतर मामलों में ये मामूली या हल्के लक्षण वाले होते हैं लेकिन एक बार इस संक्रमण से मुक्त होने पर उनके (बच्चों के) शरीर में एंटीबॉडी पैदा हो जाती है. यही एंटीबॉटी बच्चों के शरीर में प्रतिक्रिया करती है. यह उनके शरीर में एलर्जी या प्रतिक्रिया जैसी होती है.’