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बच्चों में दुर्लभ बीमारियों को लेकर केरल हाईकोर्ट सख्त,


  1. केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने बुधवार को राज्य सरकार को दुर्लभ बीमारियों से प्रभावित बच्चों के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग के लिए नियामक उपायों को लागू करने के लिए एक मंच तैयार करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने राज्य से पूछा, अगर निजी व्यक्ति कुछ ही हफ्तों में इतनी बड़ी रकम जुटा सकते हैं, तो राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सकता? अदालत ने यह निर्देश एक पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित अपने बेटे के लिए अमेरिका से जीवन रक्षक दवा आयात करने के लिए राज्य सरकार से सहायता मांगी गई थी.

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने कहा कि हाल ही में एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्चे के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग के माध्यम से लगभग 18 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. न्यायमूर्ति पीबी सुरेश कुमार की एकल पीठ ने कहा, हमारे पास इस तरह के वित्त पोषण को विनियमित करने के लिए कोई मंच नहीं है. राज्य ने दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए धन जुटाने के कई प्रयास किए हैं. इस न्यायालय ने इस संबंध में एक निर्णय भी जारी किया है, लेकिन वो फलदायी नहीं रहा.

जवाबदेही की कमी के चलते ऐसा हुआ

कोर्ट ने कहा कि यह प्रचार की कमी के चलते हुए है. कोर्ट ने कहा कि ये जवाबदेही तय नहीं है और नागरिकों को सिस्टम में विश्वास नहीं है. उन्हें लगता है कि उनका पैसा नौकरशाही में कहीं खोकर रह जाएगा. सिस्टम को जवाबदेह, पारदर्शी बनाया जाना चाहिए. इसे कुशल होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हमें कुछ काम करने योग्य चाहिए. हमने एक रिपोर्ट देखी है कि इस तरह का अभियान एक दिल्ली सरकार की तरफ से चलाया गया था. ये अभियान काफी बेह