नयी दिल्ली। सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया ने कहा कि सरकार को आगामी बजट में घर से काम करने वाले कर्मचारियों को कर कटौती का लाभ देने पर विचार करना चाहिए। उसका मानना है कि इस कदम से बाजार में मांग को बढ़ावा मिलेगा, जैसा कि सरकार चाहती है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के वरिष्ठ कर पार्टनर राहुल गर्ग ने एक बजट पूर्व सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि मांग को बढ़ाने के लिए आम लोगों के हाथ पर ज्यादा धन छोडऩे की जरूरत है। उन्होंने कहा, एक स्पष्ट सोच यह है कि छोटे और मझोले करदाताओं को, खासतौर से कोविड-19 के मद्देनजर, कर में राहत दी जाए, खासतौर से घर से काम करने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए। उन्होंने कहा कि वे घर से काम करने के दौरान जो भी खर्च कर रहे हैं, जो कार्यालय में काम करने के दौरान नियोक्ता द्वारा किया जाता, तो उस व्यय को उनके वेतन से घटाया जा सकता है, जिससे उनका कर बचेगा और उनके हाथ में ज्यादा धन बचेगा। पिछले साल की शुरुआत में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की नीति अपनाई। गर्ग ने कहा कि ऐसा उपाय पूरी तरह न्यायसंगत होगा, क्योंकि यदि व्यवसाय उस खर्च को उठाते तो उनके खातों में यह कटौती योग्य व्यय होता। उन्होंने कहा ऐसे में आज वह कटौती योग्य राशि वेतनभोगी व्यक्तियों के खातों में होगी, और इस तरह राजस्व में किसी तरह की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लोगों के पास ज्यादा धन बचेगा, तो बाजार में मांग भी बढ़ेगी। जैन ने आगे कहा कि भारत में तय समय से अधिक समय तक रहने वाले लोगों के लिए कानून में संशोधन होना चाहिए, क्योंकि ऐसे में उन्हें भारत का निवासी मानकर, उन पर अनावश्यक कर भार डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में वृद्धि की बहुत गुंजाइश नहीं है और साथ ही पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कमी की कोई संभावना भी नहीं लगती।