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बदहाली के दलदल में पाकिस्‍तान, सरकारी संस्‍थाओं के शेयर बायबैक विकल्प के साथ मित्र देशों को बेचेगी शहबाज सरकार


इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था बेहद बुरे दौर से गुजर रही है। पाकिस्‍तानी रुपया रिकार्ड निचले स्‍तर पर है। आलम यह है कि पाकिस्‍तान की शहबाज शरीफ की सरकार को सरकारी स्‍वामित्‍व वाली संस्‍थाओं को गिरवी रखने या बेचने की नौबत आन पड़ी है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक नकदी की कमी से जूझ रहा पाकिस्तान अब मित्र देशों को बायबैक विकल्प के साथ सूचीबद्ध सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं के शेयरों की बिक्री के लिए कानूनों में संशोधन करेगा।

पाकिस्तान सरकार से सरकार के आधार पर मित्र देशों को इन संस्‍थाओं के शेयरों की बिक्री करेगा ताकि मौजूदा वित्‍त वर्ष में आईएमएफ द्वारा अनुमानित 4 अरब अमेरिकी डालर के वित्तपोषण अंतर के एक हिस्से को पाटने में मदद मिल सके। यह घोषणा वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल (Pakistan Finance Minister Miftah Ismail) ने बुधवार को सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं (State owned entities, SOEs) कारपोरेट गवर्नेंस पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कही।

वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल (Pakistan Finance Minister Miftah Ismail) ने यह भी कहा कि कुछ हफ्तों में आयात पर प्रतिबंध हटा लिया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) के साथ कर्मचारी स्तर के समझौते के तहत सहमत सभी पूर्व कार्रवाइयों को पूरा कर लिया गया है। पाकिस्‍तानी अखबार डान की रिपोर्ट के मुताबिक अंतर-सरकारी वाणिज्यिक लेनदेन अधिनियम 2022 का नाम लिए बिना वित्त मंत्री ने कहा कि यह कानून जरूरी था क्योंकि मौजूदा नियम सरकार से सरकार के बीच वाणिज्यिक लेनदेन की अनुमति नहीं प्रदान करते हैं।

मालूम हो कि हाल ही में पाकिस्‍तानी की केंद्रीय कैबिनेट ने ‘अंतर सरकारी वाणिज्यिक लेन देन अधिनियम 2022’ को मंजूरी दी है। अब इसे संसद की संबंधित स्थायी समिति के पास भेज दिया गया है। यह कानून विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मददगार होगा और सरकार से सरकार के आधार पर विदेशी निवेश भी बढ़ाएगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार कुछ हफ्तों में आयात पर से प्रतिबंधों को हटा देगी क्योंकि इससे लोगों के लिए मुश्किलें पैदा हुई हैं।