उपमुख्यमंत्री ने की आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक
(आज समाचार सेवा)
पटना। उपमुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन)/प्रभारी पदाधिकारी (आपदा प्रबंधन) के साथ विभागीय समीक्षात्मक बैठक आयोजित की। इस बैठक में प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग, संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, परिवहन विभाग-सह-विशेष कार्य पदाधिकारी, एम. रामचन्द्रुडु, अपर सचिव, अविनाश कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, संदीप कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, रवीन्द्र कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग, विजय सिन्हा, समादेष्टा, एनडीआरएफ, केके झा, उप समादेष्टा, एसडीआरएफ एवं अन्य विभागीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री द्वारा सर्वप्रथम इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की गयी कि कोविड-१९ आपदा के दौरान जिलों में मजदूर, निर्धन, निराश्रित, नि:शक्त आदि जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए भोजन की व्यवस्था हेतु सफलतापूर्वक सामुदायिक रसोई का संचालन विभाग द्वारा किया गया। इसके लिए उनके द्वारा विभाग एवं जिलों के पदाधिकारियों को बधाई दी गयी।
तदोपरान्त उप मुख्य (आपदा प्रबंधन) मंत्री द्वारा बैठक के एजेंडा के अनुसार बिन्दुवार समीक्षा की गयी। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि विगत कुछ दिनों से नेपाल एवं राज्य के कुछ जिलों में अत्यधिक वर्षापात के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। उक्त के आलोक में सभी जिलों को संभावित बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर अपनी पूरी तैयारी रखने एवं सतर्कता बरतने का निदेश दिया गया। उनके द्वारा संभावित बाढ़ की चुनौती का सामना अतिसंवेदनशील ढंग से करने का निदेश दिया गया। राहत एवं बचाव कार्यों के दौरान महिलाओं विशेषकर गर्भवती एवं धातृ माताओं सहित बच्चों, बुजुर्गों एवं नि:शक्तजनों पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया गया। बाढ़ राहत शिविरों में कोविड-१९ टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निदेश दिया गया।
बाढ़ से प्रभावित होने वाले परिवारों को राहत की राशि के भुगतान हेतु आपदा आपूर्ति सम्पूर्ति पोर्टल पर प्रभावित परिवारों की सूची की इन्ट्री एवं आधार सीडिंग की स्थिति की समीक्षा की गयी। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिलों में लगभग ९० प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। एक सप्ताह के अंदर इस कार्य को पूर्ण करने का निदेश दिया गया।
अंत में उपमुख्यमंत्री (आपदा प्रबंधन) द्वारा बताया गया कि आपदा प्रबंधन का विषय राज्य के निवासियों के जान-माल एवं सुरक्षा से सीधे जुड़े होने के कारण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। आपदा से पीडि़त व्यक्तियों को ससमय राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार दृढ़संकल्पित है। अत: आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी पदाधिकारियों को अत्यंत संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिये।