आज़मगढ़

बाहुबली पूर्व सांसद बन्धुओंपर प्रशासनकी तिरछी नजरबाहुबली पूर्व सांसद बन्धुओंपर प्रशासनकी तिरछी नजर


वर्चस्वका दुर्ग ढहानेकी दिशामें शुरूकी काररवाई, जल्द ही निरस्त हो सकता है असलहा लाइसेंस

आजमगढ़। बाहुबली पूर्व सांसद बंधु रमाकांत यादव व उमाकांत यादव पर प्रशासन की नजर तिरछी हो गयी है। इन स्थितियों के बीच यह कहा जा सकता है कि प्रशासन की ओर से इनके अभेद्य दुर्ग को भेदने की दिशा में कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। प्रशासन की ओर से जो पहला कदम उठाया गया है उसके अनुसार जल्द ही उनके परिवार के लोगों के असलहा लाइसेंस निरस्त हो सकते हैं। 

 हुआ यह था कि बीते दिनों सिविल ड्रेस में आजमगढ़ के एसओजी टीम प्रभारी बृजेश सिंह व दीदारगंज थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह निजी वाहन से कहीं जा रहे थे। बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव के बेटे रविकान्त यादव भी अपने समर्थकों के साथ उधर से गुजर रहे थे। इन दोनों पुलिस इंस्पेक्टर का निजी वाहन रविकान्त यादव के वाहन को ओवरटेक कर लिया था। यह बात रविकान्त को नागवार गुजरी। ऐसी स्थिति में उन्होंने अपने वाहन की रफ्तार तेज करते हुए ओवरटेक करके इन पुलिस अधिकारियों का निजी वाहन रोक लिया और उनसे इस बात को लेकर झगडऩे लगे कि वह उनका वाहन ओवरटेक क्यों किए हैं। जब इन पुलिस अधिकारियों ने उनको अपना परिचय दिया तो वह और भी आगबबूला हो गए। समर्थकों से घिरे रविकान्त यादव आमजन के बीच अपना वर्चस्व दिखाने के लिए इन दोनों पुलिस अधिकारियों के साथ तेज-तेज झड़प शुरू कर दिये। दोनों पुलिस अधिकारी कुछ सख्त हुए तो उनकी ओर से असलहे का प्रदर्शन किया जाने लगा। इस बीच मौका देखकर दीदारगंज थानाध्यक्ष ने फोन करके और फोर्स बुला ली और रविकान्त यादव को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस से झड़प करने और असलहा प्रदर्शन करने के साथ दूसरे लोगों के नाम का लाइसेंसी असलहा लेकर चलने व फायर करने सहित दर्जनों संगीन धाराओं में रविकान्त सहित पांच ज्ञात व दर्जन भर अज्ञात उनके साथियों के खिलाफ पुलिस की ओर से दीदारगंज थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। साथ ही रविकान्त यादव को जेल भेज दिया गया था। सब मिलाकर यह कहा जा सकता है कि बाहुबली पूर्व सांसद उमाकान्त यादव का बेटा रविकान्त यादव भी अपने पिता की तरह अपराध की राह पर चल पड़ा है। एक दौर वह भी रहा है जब बाहुबली पूर्व सांसद बन्धु उमाकान्त यादव व रमाकान्त यादव को पूरे पूर्वांचल में आतंक के पर्याय के रूप में जाना जाता था। दीदारगंज थाना क्षेत्र में चार क्षत्रिय भाइयों को जिन्दा जमीन में दफना देने, जौनपुर जिले के शाहगंज में इंजीनियर जंगली राम को गाड़ी में पीछे बांधकर घसीटते हुए मार डालने व शाहगंज रेलवे स्टेशन पर अंधाधुंध फायरिंग करने सहित दर्जनों दुर्दान्त मामलों में इस बाहुबली पूर्व सांसद बन्धु पर मुकदमा पंजीकृत हुआ था। बसपा सुप्रीमों सुश्री मायावती के साथ लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस काण्ड के मुख्य कर्ता-धर्ता यही बाहुबली पूर्व सांसद बन्धु ही रहे। फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के पलियामाफी में असलहे के बल पर एक मुसलमान का मकान बुल्डोजर लगवाकर ढहवा देने और उसकी कीमती जमीन पर कब्जा कर लेने के मामले में मुख्यमंत्री रहते हुए सुश्री मायावती ने अपने आवास से पूर्व सांसद उमाकान्त यादव को गिरफ्तार करा दिया था। सब मिलाकर अपराध के रास्ते रमाकान्त व उमाकान्त ने राजनीति के गलियारे में कदम रखा और दोनों भाई विधायक बनने के बाद सांसद बनने में सफल रहे। अपराध के बूते पर ही रमाकान्त यादव ने अपने बेटे अरूणकान्त यादव को आजमगढ़ जिले की फूलपुर-पवई सीट से एक बार सपा के टिकट पर विधायक बनवाया और मौजूदा समय में वह इसी सीट से भाजपा के विधायक हैं। रविकान्त को भी विधानसभा में भेजने के लिए बाहुबली पूर्व सांसद बन्धु ने टिकट दिलवाया था मगर वह सफल नहीं हो सके थे। अब जबकि वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव सामने है तो शायद रविकान्त यादव की ओर से इस मकसद से वर्चस्व साबित करने का प्रयास किया गया है कि अपने पिता व चाचा के रास्ते पर चलकर ही विधानसभा व लोकसभा तक का सफर तय किया जा सकता है।

अब वह अपनी इस योजना में कहा तक सफल हो सकते हैं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। फिलहाल पुलिस के साथ उनकी जो तकरार हुई उसका खामियाजा यह रहा कि वह जेल पहुंच गये। इसके साथ ही उनका रायफल का लाइसेंस जिलाधिकारी ने निलम्बित कर दिया है। साथ ही एक पखवारे के अन्दर उनसे स्पष्टïीकरण मांगा है। यदि उनका स्पष्टीकरण प्रशासन के मन मुताबिक नहीं रहा तो उनका असलहा लाइसेंस निरस्त भी किया जा सकता है।