नई दिल्ली, । कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर राजनीति तेज हो गई है। बयानबाजी के केंद्र में रहीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जिन्होंने बुधवार सुबह हिजाब पहनने के पक्ष में ट्वीट किया और फिर प्रेस कांफ्रेंस में इसी मुद्दे पर एक पत्रकार से उनकी बहस हो गई। राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन नेता असदुद्दीन ओवैसी, शिवसेना नेता व महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी हिजाब पहनने के पक्ष और विपक्ष में बयान दिए। जबकि कांग्रेस सांसद के सुरेश ने बुधवार को इस मुद्दे पर लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। वहीं, उप्र से भाजपा के राज्यसभा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने एएनआइ से कहा कि कुछ लोग इस देश को अफगानिस्तान बनाना चाहते हैं। बता दें, कर्नाटक के कुछ शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर बीते कई दिनों से विवाद की स्थिति है।
पहले ट्वीट, फिर बहस
प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, ‘बिकनी, घूंघट, जींस या हिजाब, यह एक महिला का अधिकार है कि वह तय करे कि क्या पहनना है।’ हमारे लखनऊ ब्यूरो के अनुसार, इसके बाद कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करने के मौके पर हुई प्रेसवार्ता में प्रियंका से सवाल हुआ ‘आप कह रही हैं कि चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाना चाहिए लेकिन आपने बुधवार सुबह जो ट्वीट किया उससे विकास की धारा कहीं और मुड़ गई है।’ इस पर प्रियंका ने पूछा कि क्या मैंने हिजाब पर बहस छेड़ी? एक महिला को अधिकार है कि वह बिकनी पहनना चाहे या हिजाब पहनना चाहे या घूंघट काढ़े या साड़ी पहने या जींस। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है।’ उनसे फिर सवाल हुआ कि स्कूल में बिकनी कहां से आ गई? जवाब में प्रियंका ने कहा कि आप गोलमोल करके कुछ भी कह सकते हैं। किसी को अधिकार नहीं है कि वह एक महिला से यह कहे कि वह क्या पहने। फिर उन्होंने सवाल पूछने वाले मीडियाकर्मी से तैश में कहा कि मैं आपसे कह रही हूं कि स्कार्फ उतारो। मीडियाकर्मी ने जवाब दिया कि मैं स्कूल में नहीं, प्रेस कान्फ्रेंस में हूं। इस पर प्रियंका ने कहा कि आप जहां भी हों, क्या मुझे आपसे यह कहने का अधिकार है? मुझे यह अधिकार नहीं है।