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केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल पर राउत के पत्र ने विपक्ष को किया एकजुट


नई दिल्ली, विपक्षी नेताओं के खिलाफ सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा बजट सत्र के दूसरे चरण में सियासी तनातनी के प्रमुख एजेंडे में शामिल रहेगा। केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर पहले से सवाल उठा रहे विपक्षी दलों ने तय किया है कि शिवसेना नेता संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से परेशान किए जाने की ताजा शिकायत के बाद सदन में एकजुट होकर इस मसले पर बहस कराने का दबाव बनाया जाएगा।

राउत पर दबाव बनाने की ईडी की कथित कोशिशों पर विपक्षी नेताओं के बीच अनौपचारिक चर्चा हुई है। इसमें सहमति बनी है कि बजट सत्र के दूसरे चरण में पेगासस जासूसी कांड, संघीय ढांचे पर प्रहार के साथ जांच एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग के मसले पर चर्चा कराना विपक्ष की सर्वोच्च प्राथमिकता में रहेगा।

बजट सत्र के पहले चरण में अब केवल दो दिन ही सदन चलेगा और इसमें धन्यवाद प्रस्ताव व बजट पर चर्चा के अलावा किसी मसले पर बहस की गुंजाइश ही नहीं थी। अनौपचारिक चर्चा के दौरान तमाम नेताओं ने संजय राउत का समर्थन किया और कहा कि यह केवल उनका निजी मसला नहीं है। सूत्रों ने बताया कि इस सियासी लड़ाई में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने राउत को अपने पूरे समर्थन का भरोसा दिया है।

राउत ने राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को भेजे पत्र में ईडी पर उनको फर्जी तरीके से फंसाने के लिए कई हथकंडे अपनाने की शिकायत की है और लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया है।

इसमें उन्होंने ईडी पर भाजपा और केंद्र सरकार के इशारे पर दबाव बनाने के कई गंभीर आरोप लगाए हैं। राउत ने इस पत्र की प्रति राहुल गांधी, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे, डेरेक ओ ब्रायन, रामगोपाल यादव, सतीश मिश्रा, मनोज झा, त्रिची शिवा समेत तमाम विपक्षी नेताओं को भेजी है।