- कोरोना महामारी के चलते इस साल बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई हैं. परीक्षाएं रद्द किए जाने के फैसले का न केवल छात्र, बल्कि विभिन्न स्कूलों के प्रबंधक, शिक्षक प्रिंसिपल भी सराहना कर रहे हैं. इस बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (आईसीएसई) की 12वीं की परीक्षाएं रद्द किए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी संतोष जाहिर किया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने CBSE ICSE को दो हफ्ते के अंदर 12वीं के परिणाम घोषित करने के लिए अपनाए जा रहे आंतरिक आकलन ( इंटरनल अससेमेंट) की जानकारी पेश करने को कहा है.
याचिकाकर्ता के वकील ममता शर्मा ने दूसरे राज्य बोर्ड के 12वीं की परीक्षा का मसला सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा. उन्होंने कहा कि कई राज्य बोर्ड परीक्षा आयोजित कर रहे हैं, कई अभी अनिर्णय की स्थिति में है. कोर्ट उन पर भी ध्यान दे. उसके बाद कोर्ट ने कहा कि हमें सब छात्रों के हित को सुरक्षित रखना है, वो भले ही किसी बोर्ड के हों. पहले एक बार CBSE ICSE का मामला सुलझ जाए, उसके बाद हम स्टेट बोर्ड के मसले पर विचार करेंगे.
गौरतलब है कि कोरोना से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के कारण 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द की गई हैं. मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया था. सीबीएसई के साथ ही आईसीएसई ने भी 12वीं की बोर्ड परिक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया था. बैठक में निर्णय लिया गया था कि 12वीं कक्षा के छात्रों का परिणाम बेहतर मानदंड के अनुसार समयबद्ध तरीके से घोषित किया जाएगा.
सीबीएसई आईसीएसई के बाद कई राज्य सरकारें भी 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर चुकी हैं. अब तक हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान गोवा में बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार भी इस पर विचार कर रही है. ऐसी उम्मीद है कि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर यूपी सरकार शाम तक फैसला ले सकती है. तमिलनाडु सरकार भी इसी ओर कदम रखने की तैयारी में है. हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार ने बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला लिया है.