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बिना शर्त उपराष्ट्रपति से माफी मांगिए’, निलंबन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आप सांसद को दी नसीहत


नई दिल्‍ली। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्‍यसभा सांसद राघव चड्ढा के निलंबन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा को राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है।

शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को निलंबन मामले में दखल देते हुए कहा कि सभापति सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे और मामले को आगे बढ़ाएंगे। अब निलंबन मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने आप सांसद की याचिका पर सुनवाई दिवाली की छुट्टियों के बाद निर्धारित की है। साथ ही अटॉर्नी जनरल से इस मामले में आगे के घटनाक्रम की जानकारी देने को कहा है।

 

दिवाली बाद मामले की होगी सुनवाई

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से दिवाली की छुट्टियों के बाद मामले में हुए घटनाक्रम से उसे अवगत कराने को कहा है।सीजेआई ने कहा कि विधायक को इस मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए राज्यसभा अध्यक्ष से मिलना होगा। उपराष्ट्रपति पूरे मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकते हैं और इस संबंध में आगे कदम उठा सकते हैं।

क्यों निलंबित हैं राघव चड्ढा?

राघव चड्ढा को 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित किया गया था। 5 सांसदों ने विशेषाधिकार के उल्लंघन को लेकर राघव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उन्हें राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। आप नेता पर दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया गया है।

चड्ढा को तब तक के लिए निलंबित किया गया है, जब तक उनके खिलाफ मामले की जांच कर रही विशेषाधिकार समिति अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप देती। निलंबन का प्रस्ताव भाजपा सांसद पीयूष गोयल ने पेश किया था।