पटना

बिहारशरीफ: कोविड की चौथी लहर को लेकर संशय लेकिन लोग दहशत में


      • पहली लहर खतरनाक थी लेकिन दूसरी लहर में ज्यादा लोगों ने गंवाई जान
      • तीसरी लहर में संक्रमितों की संख्या तो बढ़ी लेकिन अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी
      • चौथी लहर की संभावना से किया जा रहा है इंकार लेकिन संक्रमित लोगों को अस्पताल जाने की नहीं पड़ रही है जरूरत
      • मेडिकल कॉलेज के अलावे सदर, दो अनुमंडलीय और एक रेफरल अस्पताल में लगा हुआ है ऑक्सीजन प्लांट

बिहारशरीफ। देश में कोविड रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिले में कोविड जांच बढ़ाया गया है। आरटीपीसीआर जांच को पहले से दोगुना कर दिया गया है। दो दिन पूर्व हीं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर जांच को दो गुना करने का निर्देश दिया था। आरटीपीसीआर के अलावे रैपिड एंटीजन जांच भी की जा रही है। जिले में प्रतिदिन लगभग 800 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि अभी कोविड पॉजीटिव लोग नहीं पाये जा रहे है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर हाई अलर्ट पर है और लगातार जांच रिपोर्ट बढ़ाई है।

बताते चले कि जिले में कोविड के पहली, दूसरी और तीसरी लहर में हजारों लोग संक्रमित हुए है। पहली लहर तो खतरनाक भी थी लेकिन दूसरी लहर में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ी थी। तीसरी लहर में भी कई लोगों ने जान गंवाया है। पहले लहर जिले में लगभग 144 दिन तक रहा जबकि दूसरी लहर का प्रकोप 69 दिन तक रहा और तीसरी लहर 29 दिन तक रहा। पहली  और दूसरी लहर में कोरोना ने कहर बरपाया था। लोगों को ऑक्सीजन तक नहीं मिला। अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहा था। हालांकि तीसरी लहर में कोविड पॉजीटिव की संख्या बढ़ी थी लेकिन गिने-चुने लोगों को हीं अस्पताल जाने की जरूरत पड़ी थी।

पहली लहर में 4118 लोग कोरोना पॉजीटिव हुए थे और 59 लोगों की मौत हुई थी। जबकि दूसरी लहर में एक दिन में सर्वाधिक 4554 संक्रमित मामला पहुंच गया था, जिसमें 339 की मौत हुई थी। दूसरी लहर में स्थिति यह थी कि जिले के सरकरी और निजी अस्पतालों में ना तो बेड मिल रहा था और ना हीं ऑक्सीजन। यही वजह रही कि केंद्र और राज्य सरकार ने जिले में ऑक्सीजन सप्लाई चेन को बढ़ाया। महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी में दो-दो ऑक्सीजन प्लांट लगा। इसके अलावे बिहारशरीफ सदर अस्पताल, राजगीर एवं हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल के अलावे रेफरल अस्पताल कल्याण बिगहा में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गयां साथ हीं इन अस्पतालों में बेड तक ऑक्सीजन की आपूर्ति पाइपलाइन से की गयी, लेकिन अच्छी बात यह रही कि तीसरी लहर में किन्हीं को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी।

चौथी लहर को लेकर भ्रम की स्थिति जरूर है लेकिन यह भी सच है कि संक्रमितों की संख्या बढ़ी है लेकिन लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं के बराबर पड़ रही है। अब तक प्राप्त समाचार के अनुसार इस मामले में मौत नहीं के बराबर हो रही है।