बिहारशरीफ (आससे)। विपक्ष को जनविरोधी बताते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने आज कहा कि 2014 से मोदीविरोध में बौखलाये विपक्षी दल अब जनता के विरोध पर उतर चुके हैं। संसद के हर सत्र से पहले कुछ काल्पनिक मुद्दे बना कर उनके सहारे संसदीय कामकाज को रोकना अब इनकी आदत बन चुकी है। यह चाहते ही नहीं संसद चले और लोगों की भलाई के लिए फैसले लिए जा सके, इसीलिए यह अब फोन टेपिंग का झूठ फैला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फोन टेपिंग का यह पूरा मामला एक वेब पोर्टल की खबर पर टिका हुआ है, जो फेक न्यूज फैलाने के लिए कुख्यात है। यानी झूठ लिखने के आदि वेब पोर्टल के आधार पर, झूठ की राजनीति करने वाली यह पार्टियां अपनी छाती पीट रही हैं। रिपोर्ट को पढ़ें तो कमजोर रिसर्च और तथ्यों का अभाव साफ दिखायी देता है। इसके अतिरिक्त इस रिपोर्ट को गढ़ने वालों ने भी यह माना है कि यह नहीं कहा जा सकता कि प्रकाशित सूची में नंबर निगरानी में थे। यहां तक कि जिस कंपनी की तकनीक का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया था, उसने भी इन दावों का सिरे से खंडन किया है। इससे साफ है कि यह खबर केवल बहाना है, इन दलों का असली मकसद देश के विकास को रोकना है। इनका यह आचरण न केवल शर्मनाक है बल्कि इसकी जितनी निंदा की जाए कम होगी।
कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि फोन टेपिंग की फर्जी खबर पर घड़ियाली आंसू बहा रही कांग्रेस को तो हकीकत में इस मामले पर बोलने का हक तक नहीं है। याद करें तो इनके राज में वित्त मंत्री रहते हुए खुद प्रणब मुखर्जी तक अपनी जासूसी करवाने का आरोप लगा चुके हैं। इसके अलावा ममता बनर्जी, सीताराम येचुरी जैसे कई नेताओं ने अपनी फोन टेपिंग होने का दावा किया था। स्थिति यह है कि कांग्रेस की वर्तमान राजस्थान सरकार पर उनके अपने ही विधायक ऐसे आरोप लगा रहे हैं। जिस पार्टी के खुद ऐसे मामलों में सर से पांव तक सनी हो, उन्हें ऐसे आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है।
श्री रंजन ने कहा कि देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि मोदी सरकार राष्ट्रीय हितों पर कभी भी समझौता नहीं करती। फेसबुक-ट्विटर जैसी कंपनियों पर चल रही कारवाई इसी का जीवंत उदहारण है। विपक्ष यह जान ले कि झूठ के सहारे जनता के विकास को रोकने की उनकी साजिश का भंडाफोड़ एक बार फिर हो चुका है। जनता उन्हें माकूल जवाब जरुर देगी।