पटना

बिहारशरीफ जैसे शहर का एक्यूआई मॉडरेट जोन में- मिशन हरियाली लगातार पर्यावरण संरक्षा के लिए कर रही है काम


      • स्कूलों के बाद अब अस्पताल में आने वाले रोगियों के परिजनों के बीच भी बांट रही है निःशुल्क पौधे
      • जिले के स्कूलों के अलावे पड़ोसी जिला और पड़ोसी राज्य तक किया गया है पर्यावरण संरक्षा के पहल का विस्तार

बिहारशरीफ। मौजूदा समय में बिहारशरीफ जैसे शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉडरेट जोन में जा चुका है। कुल मिलाकर एक्यूआई पुअर जोन में है। निश्चित तौर पर इसका असर आम लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसका एकमात्र विकल्प पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षा है। इसके लिए सम्मिलित प्रयास की जरूरत है। सरकारी स्तर पर समय-समय पर इस क्षेत्र में काम होता रहा है।

कई निजी संस्थान ही कमोबेश इसमें दिलचस्पी ली है। लेकिन ऐसे ही संस्थानों में एक है मिशन हरियाली नूरसराय, जो बगैर सरकारी अनुदान और सहायता के पिछले कई वर्षों से पर्यावरण संरक्षा के प्रति लोगों को ना केवल जागरूक करती रही है बल्कि स्कूल से लेकर संस्थानों तक और लोगों के घरों तक जाकर मुफ्रत में पौधावितरण कर रही है। लोगों को उसके फायदे गिनाकर उसे धरातल पर उतार रही है और अब मिशन हरियाली के पौधे पेड़ बन चुके है।

पिछले कुछ दिनों में मिशन हरियाली नूरसराय द्वारा हजारों पौधे वितरित किये गये है। जिले के प्रायः स्कूलों में कई वर्षों से पौधे बांटकर बच्चों को पौधे के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पर्यावरण से जोड़कर उसकी संरक्षा की पहल की जा रही है। हाल के दिनों में पावापुरी मेडिकल कॉलेज परिसर में भी इलाज के लिए आने वाले रोगियों के परिजनों को इस संस्थान द्वारा मुफ्त में अमरूद और कटहल के पौधे बांटे गये। इसके साथ हीं कई स्कूलों में भी कटहल और अमरूद का पौधा बांटा गया है।

मिशन हरियाली के प्रमुख कार्यकर्ताओं में एक राजीव रंजन ने बताया कि मिशन हरियाली अब जिले से निकलकर पड़ोसी जिला और पड़ोसी राज्य झारखंड तक पर्यावरण का अलख जगाने में लगी है। लोगों को तथा स्कूलों में जाकर पौधे और वृक्ष के फायदे, इससे पर्यावरण की संरक्षण की जानकारी देकर पौधा बांटा जा रहा है। मिशन के सदस्यों द्वारा लगातार इस क्षेत्र में काम किया जा रहा है। कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा रहा है ताकि पर्यावरण संरक्षा के लिए किया जा रहा प्रयास और तेज हो सके।