पटना

बिहारशरीफ: दस चरणों में होगा पंचायत चुनाव, बाढ़ और बरसात को देखते हुए पंचायत चुनाव के लिए प्रखंडवार बनाया गया चरण


      • एक चरण में कम से कम 668 मतदान केंद्रों पर होना है चुनाव
      • एक-एक चरण में एक बड़े तथा एक छोटे प्रखंडों को किया गया है शामिल
      • 700 मतदाताओं पर बना है एक बूथ और एक बूथ पर होगा चार ईवीएम
      • जम्मू कश्मीर और हिमाचल से नालंदा में लाया जायेगा ईवीएम

बिहारशरीफ (आससे)। पंचायत चुनाव की तिथियां भले ही तय नहीं हुई हो लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के आलोक में तैयारियां तेज कर दी गयी है। जिले में 10 चरणों में पंचायत चुनाव होना है। संभावना है कि अगस्त से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हालांकि संभावित बाढ़ और बरसात के मद्देनजर तिथियों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन नालंदा जिला द्वारा विभिन्न चरणों के चुनाव के लिए प्रखंडों का जो चयन हुआ है उसमें बाढ़ और बरसात को ध्यान में रखा गया है।

पहले चरण में वैसे प्रखंडों को रखा गया है जहां बरसात से कम दिक्कत है और बाढ़ आने की संभावना कम है। जैसे-जैसे चरण आगे बढ़ता गया है, वैसे-वैसे प्रखंड क्षेत्रों में बरसात में परेशानी के साथ-साथ बाढ़ की भी संभावना है। जिन प्रखंडों में अधिक बाढ़ की आशंका होती है उन प्रखंडों को आठवां से लेकर दसवां चरण में रखा गया है।

राज्य निर्वाचन आयोग को जिला से जो प्रस्ताव भेजा गया है उसके अनुसार पहले चरण में गिरियक और चंडी प्रखंड में पंचायत चुनाव कराने की योजना है। जबकि दूसरे चरण में नगरनौसा एवं सिलाव प्रखंड को रखा गया है। जबकि तीसरे चरण में राजगीर और इस्लामपुर प्रखंड के पंचायतों को शामिल किया गया है। जबकि चौथे चरण में एकंगरसराय एवं बेन प्रखंड को, पांचवें चरण में बिहारशरीफ एवं परबलपुर प्रखंड को, छठे चरण में नूरसराय एवं थरथरी प्रखंड को, सातवें चरण में हरनौत तथा सरमेरा प्रखंड में चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया गया है। जबकि आठवें चरण में हिलसा एवं बिंद, नौंवे चरण में रहुई एवं कतरीसराय तथा अंतिम यानी दसवें चरण में अस्थावां तथा करायपरशुराय प्रखंड में पंचायत चुनाव कराये जाने का प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा गया है।

जिला द्वारा जो चरण बनाया गया है उसमें यह ख्याल रखा गया है कि बड़े प्रखंडों के साथ-साथ छोटे प्रखंडों को जोड़ा गया है ताकि मतदान केंद्रों की संख्या प्रायः सभी चरणों में लगभग-लगभग बराबर हो। एक चरण में 670 मतदान केंद्र के आसपास की संख्या दोनों प्रखंडों को मिलाकर रखी गयी है। इस बार 700 मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र बनाया जायेगा। इस प्रकार एक चरण में कम से कम 668 मतदान केंद्र होंगे और इसके लिए एक-एक चरण में 5832 ईवीएम की मिनिमम आवश्यकता होगी।

पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम के साथ-साथ वैलेट भी उपयोग करेगी। चार पदों यथा मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य तथा जिला परिषद् सदस्य का चुनाव ईवीएम से कराने की योजना है, जबकि पंच और सरपंच का चुनाव वैलेट से कराने की तैयारी है। सभी पदों के लिए अलग-अलग ईवीएम होगा और आवश्यकतानुसार वैलेट यूनिट बढ़ाया जा सकता है।

पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम अन्य प्रदेशों से मंगाया जाना है। नालंदा जिले में हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर से ईवीएम लाया जायेगा। जम्मू कश्मीर से 1445 वैलेट यूनिट तथा 864 कंट्रोल यूनिट लायी जायेगी, जबकि हिमाचल से भी ईवीएम लाने की तैयारी है। नालंदा जिले में जम्मू कश्मीर के श्रीनगर, अनंतनाग, गुरूग्राम, लेह, कुलग्राम, गुड़गावां, बारामूला से ईवीएम लाया जायेगा।

जिला प्रशासन द्वारा मतदाता सूची आदि का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है। नगर निकायों के गठन के साथ ही मतदाता सूची विखंडन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है और जिन पंचायतों का हिस्सा नगर निकायों में गया है वहां के पंचायतों का पुर्नगठन कर लिया गया है। ऐसे पंचायतों में नये पुर्नगठन के अनुसार चुनाव होना है।