पटना

बिहारशरीफ: नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार ने लोकसभा में नालंदा में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय खोलने की मांग की


राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशाला और डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की रखी मांग

बिहारशरीफ (आससे)। नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने लोकसभा में अनुदान मांग पर चर्चा करते हुए कहा कि नालंदा में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में नालंदा में केंद्र को पहल करनी चाहिए तभी विश्व को ज्ञान गुरू बनकर ज्ञान बांटने वाले इस स्थान पर उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय पुस्तकालय खोलने की भी मांग की।

हालांकि बताते चले कि बिहार विधानसभा में पेश बजट में बिहार सरकार ने राजगीर में खेल विश्वविद्यालय खोलने का प्रावधान किया गया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी राजगीर दौरे के क्रम में खेल विश्वविद्यालय खोलने की चर्चा की थी।

नालंदा सांसद ने लोकसभा में शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा करते हुए कहा कि 35 वर्षों बाद नई शिक्षा नीति लागू हुई है। कोरोना काल को लेकर बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में शिक्षा के आवंटन का काफी ध्यान रखा गया है। यह सराहनीय कदम है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एनडीए की सरकार देश में शिक्षा के क्षेत्र को पूर्णरूपेण रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य कर रही है। वैश्विक शिक्षा के अनुरूप समावेशी और समान गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर सरकार का जोर है।

सांसद ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं उस नालंदा संसदीय क्षेत्र का सांसद हूं जहां से शिक्षा का संचार पूरे विश्व में हुआ है। नालंदा और बिहार की एक अलग पहचान है शिक्षा के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षा को लेकर लगातार दूरदर्शी सोच के साथ आगे बढ़ रहे है। यहां अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय भी चल रहा है, लेकिन आज तक यहां पुस्तकालय नहीं है। ऐसे में उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि नालंदा में अंतरराष्ट्रीय पुस्तकालय खोलिये।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यहां एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की आवश्यकता है। उन्होंने नालंदा में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने की मांग रखते हुए कहा कि विश्वगुरू नालंदा की जो गरिमा है उसे बरकरार रखा जाय। बिहार राज्य आर्थिक क्षेत्र में काफी पिछड़ा है। फिर भी मुख्यमंत्री का फोकस हमेशा शिक्षा पर रहा है। सभी विद्यालयों का भवन बन चुका है। ढांचा का विकास भी हुआ है, लेकिन तकनीकी क्षेत्र में शिक्षा की कमी है।

शिक्षा मंत्री से उन्होंने आग्रह किया कि बिहार में दो केंद्रीय विश्वविद्यालय स्वीकृत हुआ है उसमें पठन-पाठन शुरू किया जाय। पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाय। बिहार के वैसे पांच जिले जहां केंद्रीय विद्यालय नहीं है, वहां केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की। साथ ही राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशाला और डिजिटल लाइब्रेरी के स्थापना की भी मांग की।