पटना

बिहारशरीफ: लॉकडाउन में बिजली की खपत बढ़ी लेकिन राजस्व वसूली हुई काफी कम


      • 30 करोड़ के बजाय महीने में हो रही है 15 करोड़ की वसूली
      • प्रतिदिन जिले में हो रही है 250 मेगावाट बिजली की खपत
      • शहरी क्षेत्र में फिर भी राजस्व की ठीक-ठाक उगाही लेकिन ग्रामीण क्षेत्रें में फिसड्डी
      • अब 35 दिन तक रीडिंग करने नहीं पहुंचे रीडर तो सुविधा ऐप से स्वयं भी कर सकते हैं मीटर रीडिंग

बिहारशरीफ (आससे)। जाड़े के मुकाबले गर्मी में बिजली की खपत बढ़ गयी है। लेकिन, जब से कोरोना का कहर बरपा है, तबसे हर माह बिल वसूली लक्ष्य से आधी हो गयी है, जिसका नुकसान बिजली कंपनी को उठाना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर, उपभोक्ताओं पर बिल की देनदारी के साथ ही डीपीएस (डिले पेमेंट सरचार्ज) का बोझ भी बढ़ता जा रहा है। कई गरीब परिवारों को बिल जमा करने से ज्यादा चिंता परिवार की जीविका चलाने की है। रोज कमाने खाने वालों का रोजगार कोरोना पाबंदियों की वजह छीन गया है।

जिले में करीब चार लाख 50 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। रोज करीब 250 मेगावाट बिजली की खपत होती है। हर माह करीब 30 करोड़ रुपए बिल वसूली का लक्ष्य है। लेकिन, जब से कोरोना की पाबंदियां लगी हैं, बिल की वसूली धड़ाम हो गयी है। मुश्किल से 15 से 16 करोड़ रुपए ही जमा हो पा रहा है। कोरोना के डर से काउंटर खुलने के बाद भी लोग नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि, ऑनलाइन बिल जमा करने में लोग रुचि कम ही ले पाते हैं। करीब 15 फीसदी उपभोक्ता ही इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन बिल जमा कर पाते हैं।

बिजली कंपनी को सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीणों इलाकों से हो रहा है। शहरी इलाकों से बिल की वसूली ठीकठाक हो जाती है। नालंदा जिले के गांवों में करीब साढ़े तीन लाख उपभोक्ता हैं। औसतन हर माह एक लाऽ उपभोक्ता ही बिजली का बिल जमा करते हैं। बिजली की चोरी भी गांवों में बड़े पैमाने पर होती है। एक नहीं कई गांव ऐसे हैं जहां की आबादी पांच से छह सौ है। लेकिन, बिल देने वाले सैकड़ों नहीं दर्जन में हैं।

कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए रोज सुबह में तीन घंटे बिजली बिल जमा काउंटर खोला जा रहा है। ताकि, लोगों को सहूलियत मिल सके। लोग चाहें तो सुबह 7 से 10 बजे काउंटर खुला रहता है। हाथों हाथ बिल जमा कर सकते हैं।

वहीं कोरोना काल में बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को विशेष सुविधाएं भी दी है। इसके तहत बिना मीटर रीडर के भी उपभोक्ता अपने घर और प्रतिष्ठान के मीटर की रीडिंग कर सकते हैं। कंपनी ने सुविधा मोबाइल एप से मीटर रीडिंग की व्यवस्था बहाल की गयी है। एप के माध्यम से घर बैठे लोग खुद ही मीटर की रीडिंग कर बिल का भुगतान कर सकते हैं। शर्त यह कि 35 दिन तक रीडर घर नहीं आता है तो ही वे खुद ही रीडिंग कर सकते हैं। मोबाइल के प्ले स्टोर से सुविधा एप को डाउनलोड कीजिए। उसमें उपभोक्ता संख्या सहित अन्य जानकारियां देनी होगी। फिर मीटर की तस्वीर खींचकर एप के सेल्फ बिलिंग सिस्टम में अपलोड करना होगा। इस प्रक्रिया से कितना बिल जमा करना है, यह जानकारी मिल जाएगी।

विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना काल में बिजली बिल जमा करने की रफ्तार में काफी कमी आयी है। लोगों की सहूलियत के लिए सुबह में 7 से 11 बजे तक बिल जमा काउंटर खोले जा रहे हैं। जो काउंटर तक नहीं आना चाहते वे ऑनलाइन बिल जमा करें। शहरी और ग्रामीण इलाकों में ऑन स्पॉट मीटर रीडिंग कराकर लोगों को बिल दिया जा रहा है। समय पर बिल का भुगतान का करने का खामियाजा उपभोक्ताओं को भी भुगतना पड़ता है।