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जिले के 2 लाख 15 हजार से अधिक लोगों को पहला तथा 27 हजार से अधिक लोगों को दिया गया वैक्सीन का दूसरा डोज
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डोज की कम उपलब्धता के बावजूद अलॉटमेंट और शिड्यूल के आधार पर लगातार जारी है वैक्सीनेशन का कार्य
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बिहारशरीफ (आससे)। कोविड पर प्रभावकारी नियंत्रण में वैक्सीनेशन एक अहम पाठ है और जिले में वैक्सीनेशन का काम लगातार जारी है। हालांकि यह भी सच है कि जैसे-जैसे लोग वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक हुए है टीका लगाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। लेकिन दुखद पहलू यह है कि वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त दवाईयां नहीं मिल पा रही है।
हालांकि वैक्सीनेशन का काम निरंतर चल रहा है, लेकिन अब प्रखंडवार और अस्पतालवार इसका आवंटन हो रहा है। आगामी 01 मई से 18 वर्ष से उपर के बच्चों को भी वैक्सीन लगाया जाना है। ऐसे में वैक्सीन की दवा की उपलब्धता ऐसी ही रही तो शायद जिले में बड़ा हंगामा भी खड़ा हो सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल के दिनों में लगातार वैक्सीनेशन डोज का आवंटन कम होता जा रहा है। कभी दो सौ तो कभी पांच सौ भाइल वैक्सीन ही जिले को मिल रही है। यहां यह बता देना जरूरी है कि एक भाईल से दस लोगों को वैक्सीन दी जाती है। ऐसे में जिले की बड़ी आबादी को इतना कम दवा के जरिये वैक्सीनेट करना मुश्किल हीं नहीं नामुमकिन भी होगा। हाल के दिनों में कोरोना के दूसरे फेज में जब लोग संक्रमित होने लगे तो लोगों को कोविड वैक्सीन की अहमियत समझ में आई।
लोग यह भी देखे कि जो लोग वैक्सीनेट है पॉजीटिव तो हो सकते है, लेकिन अभी तक कोई कैजुअलिटी नहीं हुई है और ना ही कोई लोग डेंजर जोन में है। इस प्रकार लोग यह समझ पा रहे है कि कोविड वैक्सीन का दोनों डोज लेकर प्राण की रक्षा की जा सकती है और यही वजह है कि वैक्सीन लेने के लिए अलग-अलग अस्पतालों में लोगों की भीड़ जुट रही है। लोगों को निबंधन करना होता है और फिर अपनी बारी का इंतजार भी।
बताते चले कि अभी भी वैक्सीनेशन में नालंदा जिला का स्थान सूबे में दूसरा है, लेकिन अब दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता भी आवश्यक होगी। जिले में कोविड वैक्सीनेशन पर नजर डाली जाय तो दो लाख 15 हजार 164 लोगों को कोविड वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है, जबकि 27006 लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज दिया जा चुका है। जिले में अब तक एक लाख 12 हजार 864 पेंशनर को कोविड वैक्सीन दिया जा चुका है, जबकि 45 से 60 आयु वर्ग के 65820 आम लोगों को वैक्सीन दिया गया है।
हेल्थकेयर वर्करों में 14208 लोगों को पहला तथा 11318 लोगों को दूसरा डोज दिया जा चुका है, जबकि फ्रंटलाइन वकर्स में से 8451 को पहला तथा 6915 लोगों को दूसरा डोज दिया गया है। 45 से 60 आयु वर्ग के वैसे लोग जिन्हें एक मार्च के बाद से गांव-गांव जाकर वैक्सीन लगाया जा रहा है, उनमें से 1456 लोगों को पहला और 1283 लोगों को दूसरा डोज दिया गया है। जबकि 60 से अधिक आयु वर्ग के 52291 लोगों को पहला तथा 7490 लोगों को दूसरा डोज दिया जा चुका है।