पटना

बिहारशरीफ: स्वैच्छिक धनराशि संग्रह- कार्यक्रम में दल से बरखास्त किये गये नेता से धनराशि लेने पर पार्टी में बवाल


      • को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष जिन्हें नीतीश कुमार के निर्देश पर किया गया था बरखास्त उनसे सांसद और जिलाध्यक्ष ने ली पार्टी के लिए धनराशि
      • अस्थावां जदयू विधायक डॉ. जितेंद्र ने कहा यह सर्वथा अनुचित जबकि कार्यक्रम प्रभारी सांसद कौशलेंद्र ने कहा मुझे नहीं मालूम की वे पार्टी से हैं बरखास्त

बिहारशरीफ। जदयू द्वारा चलाये गये स्वैच्छिक राशि संग्रह कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ ही विवाद शुरू हो गया है। उद्घाटन के दिन ही धन संग्रह के फिराक में जदयू के नेताओं ने वैसे व्यक्ति से धन का चेक लिया जिन्हें पिछले दिनों पार्टी ने विरोधी गतिविधियों के कारण बरखास्त कर दिया था। इस कार्यक्रम के शुरुआत के साथ ही पार्टी के नेताओं द्वारा उंगलियां उठनी शुरू हो गयी है।

दो दिन पूर्व एकंगरसराय में जदयू का कार्यक्रम स्वैच्छिक राशि धन संग्रह का शुभारंभ हुआ। जिले में इस कार्यक्रम के प्रभारी नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार है। उन्होंने जिलाध्यक्ष सियाशरण ठाकुर की उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ किया जिसमें पार्टी के विधायक, पूर्व विधायक, कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए और लोगों ने स्वैच्छिक राशि धन संग्रह कार्यक्रम में अपना योगदान भी दिया।

इसी कार्यक्रम में नालंदा केंद्रीय सहकारिता बैंक के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार मुन्ना से भी राशि का चेक लिया गया। कार्यक्रम के प्रभारी सह सांसद कौशलेंद्र कुमार तथा जिलाध्यक्ष सियाशरण ठाकुर ने चेक ग्रहण किया। जैसे ही यह खबर जिले के अन्य जदयू कार्यकर्ताओं को लगी बवाल मच गया। लोग तरह-तरह से इसकी विवेचना शुरू कर दी। पार्टी नेताओं ने तो यहां तक कहा कि जब धन संग्रह का मतलब यह नहीं है कि जो पार्टी के खिलाफ काम करें उससे राशि ली जाय। इससे पार्टी की गरिमा धूमिल होगी। कुछ नेताओं ने तो यह भी कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में अमरेंद्र कुमार मुन्ना सहित कई लोग जदयू के अस्थावां विधानसभा के प्रत्याशी के विरुद्ध जमकर काम किया था।

पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार द्वारा इन लोगों को समझाने का भी प्रयास किया गया था, लेकिन प्रयास निरर्थक रहा। लोगों ने ना केवल दलगत प्रत्याशी का विरोध किया बल्कि विरोधी प्रत्याशी को जमकर सहयोग भी किया। यह अलग बात है कि इन सब के बावजूद जदयू यह सीट जीत गयी। अंततः जदयू ने चुनाव के क्रम में ही कुछ लोगों को पार्टी से बरखास्त किया था उसमें अमरेंद्र कुमार मुन्ना भी शामिल थे।

अचानक इस कार्यक्रम में अमरेंद्र कुमार मुन्ना को बुलाकर उनसे धनराशि लिये जाने का भी लोग अलग-अलग अर्थ लगा रहे है। पार्टी नेताओं के बीच यह भी चर्चा है कि पार्टी के जिलाध्यक्ष और सांसद परोक्ष रूप में उन्हें पार्टी में शामिल करने का प्रयास किये है। या कहा जाय तो उन्हें तरजीह देकर पार्टी के सर्वमान्य नेता के निर्णय का विरोध किये है। लोग यह भी कह रहे है कि पार्टी के जिलाध्यक्ष और सांसद मिलकर सर्वमान्य नेता के निर्णय को ही दरकिनार कर रहे है।

इस संबंध में अस्थावां के जदयू विधायक डॉ. जितेंद्र कुमार ने भी अपना विरोध जताया है और पार्टी के जिलाध्यक्ष को फोन कर आपत्ति जताया है और पार्टी विरोधी काम करने वाले लोगों से धनराशि लेने को अनुचित बताया है। आज से बातचीत में डॉ. जितेंद्र ने कहा कि यह सर्वथा अनुचित निर्णय है। पार्टी के सर्वोच्च नेता के निर्देश के बाद जिन लोगों को दल से बरखास्त किया गया वैसे लोगों को ऐसे कार्यक्रम में शामिल करने से दलहित में काम करने वालों का मनोबल कमजोर पड़ेगा।

इस संदर्भ में नालंदा सांसद व कार्यक्रम प्रभारी कौशलेंद्र कुमार से जब बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मुझे मालूम नहीं था कि उन्हें पार्टी से बरखास्त किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम में किन लोगों से धनराशि ली जानी है यह भी स्पष्ट नहीं था। इस वजह से उनसे धनराशि का चेक लिया गया।