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- 2,500 स्कूलों में स्थापित होंगे कंप्यूटर लैब
- 200 प्रारंभिक स्कूलों के बनेंगे भवन
- नहीं मिले नवनियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन के पैसे
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। बिहार को वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र से 9,184 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह राशि समग्र शिक्षा अभियान की जिन योजनाओं के लिए मिलेगी, उससे 2,500 स्कूलों में कंप्यूटर लैब भी स्थापित किये जायेंगे। 200 प्रारंभिक स्कूलों के भवन भी बनेंगे।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 9,184 करोड़ रुपये की स्वीकृत केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में दी गयी। 9,184 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि में 3,424 करोड़ रुपये समग्र शिक्षा के शिक्षकों के वेतन मद के हैं। 1,938 करोड़ रुपये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर खर्च होंगे। 1,575 करोड़ रुपये की राशि आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत मिलने वाली विभिन्न मदों की है। इसके साथ ही 517 करोड़ रुपये सिविल वर्क पर खर्च होंगे। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से 13,993 करोड़ 75 लाख रुपये के बजट का प्रस्ताव केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड के समक्ष रखा गया था।
राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड के समक्ष 1,118 प्रारंभिक स्कूलों के भवन निर्माण के लिए राशि मांगी गयी। लेकिन, उसमें से केवल 200 प्रारंभिक स्कूलों के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड ने दी। बाकी प्रारंभिक स्कूलों के मामले में भी प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड ने विचार करने का आश्वासन दिया है। जिन 2,500 स्कूलों में कंप्यूटर लैब की स्थापना की मंजूरी प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड ने दी है, उनमें प्रारंभिक से लेकर प्लस-टू तक की पढ़ाई वाले स्कूल शामिल हैं। प्रत्येक स्कूल में कम्प्यूटर लैब की स्थापना पर तकरीबन 8 लाख 50 हजार रुपये खर्च होंगे।
पिछले वित्तीय वर्ष में शिक्षकों के वेतन मद में 1,800 करोड़ रुपये की बकाये राशि के भुगतान पर तो प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड ने अपनी मंजूरी दे दी है, लेकिन छठे चरण के नवनियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन मद में राज्य सरकार द्वारा मांगी गयी 836 करोड़ रुपये की राशि पर प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड ने स्वीकृति नहीं दी।
प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की बैठक में केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से शामिल अधिकारियों में सचिव अनिता करवाल, संयुक्त सचिव मनीश गर्ग एवं निदेशक राशी शर्मा के नाम उल्लेखनीय हैं। इसमें राज्य सरकार की ओर से शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकान्त शास्त्री, पीएम पोषण योजना के निदेशक सतीश चन्द्र झा, प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश, शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा तथा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के रविशंकर सिंह सहित सभी संबंधित अधिकारी शामिल हुए।