पटना

बिहार बोर्ड परीक्षा में चप्पल पहनने की अनुमति, जूता-मोजा पर रोक


पटना (आससे)। बिहार बोर्ड की परीक्षाएं इस वर्ष फरवरी में होने वाली है। टाइम टेबल के अनुसार 10वीं की परीक्षा जहां 1 फरवरी से शुरू होगी वही 12वीं की परीक्षा 17 फरवरी से शुरू होने वाली है। जैसा कि परीक्षा शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं इसलिए बिहार बोर्ड ने इस बार भी अपनी गाइडलाइन्स जारी की हैं। मगर इस बार कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए गाइडलाइंस में कई बदलाव किए गए हैं। बिहार बोर्ड ने अपने सभी परीक्षा केंद्रों पर इस बार होने वाली परीक्षा की नियमावली भेज दी है।

कोविड-19 को देखते हुए यह ध्यान रखा गया है कि छात्रों के बीच में परीक्षा देते समय उचित दूरी बनी रहे जिस वजह से परीक्षा कक्ष में प्रत्येक बेंच पर अधिकतर सिर्फ दो परीक्षार्थी ही बैठेंगे।

छात्र के रोल नंबर के अनुसार ही उन्हें उत्तरपुस्तिका का वितरण किया जाएगा। साथ ही परीक्षार्थी का रोल नंबर उत्तरपुस्तिका के अलावा ओएमआर सीट और उपस्थिति सीट पर भी रहेगा। एक बेंच से दूसरे बेंच के बीच दो से तीन फीट रहेगी दूरी।पहली शिफ्ट में सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर और दूसरी शिफ्ट में दोपहर के 1 बजकर 35 मिनट पर छात्रों को प्रवेश करना होगा।

प्रत्येक 25 परीक्षार्थी पर एक परीक्षक की नियुक्ति की जाएगी यानी एक परीक्षा हॉल में कम से कम दो परीक्षक अनिवार्य रूप से मौजूद रहेंगे। बोर्ड के अनुसार परीक्षक के रूप में कॉलेज और हाई स्कूल के शिक्षक के अलावा प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों को भी लगाया जाएगा।

जूता-मोजा पहन कर नहीं आना है। परीक्षा के दौरान केवल चप्पल पहनने की अनुमति होगी। परीक्षार्थी की जांच तीन अलग-अलग समय पर की जाएगी। छात्र प्रवेश पत्र, कलम, पेंसिंल, इंस्ट्रूमेंट बॉक्स लेकर ही अंदर जा सकते हैं।

परीक्षा केंद्र पर केंद्राधीक्षक, परीक्षक को सुबह सात बजे सीट प्लानिंग के लिए आना होगा। हर दिन परीक्षा के पूर्व केंद्राधीक्षक द्वारा दंडाधिकारी की सहमति से परीक्षक को अलग अलग कक्षाओं के निरीक्षण के लिए दिया जाएगा। गैर शिक्षक एवं अन्य को परीक्षक कार्य में नहीं लगाया जाएगा। जिन स्कूलों के परीक्षार्थी जिस परीक्षा केंद्र से संबद्ध हो, उस स्कूल के शिक्षक को दूसरे स्कूल में नियुक्त किया जाएगा।