पटना

बिहार में बाढ़ से कई इलाकों की स्थिति बिगड़ी


गंगा, सोन और पुनपुन समेत कई नदियां लाल निशान के पार

पटना (आससे)। बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गंगा नदी के बढऩे का सिलसिला तो जारी है ही दूसरी प्रमुख नदियां भी एक बार फिर उफान पर हैं। नदियां खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही हैं। लिहाजा आधा बिहार में जलप्रलय के हालात हैं। उधर, मौसम विभाग ने एक दर्जन जिलों में 15 अगस्त तक भारी बारिश की आशंका जताई है। ऐसे में उन जिलों के कई इलाकों में डर का माहौल बन गया है।

सोन, पुनपुन, कोसी समेत राज्य की नदियां पहले से खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। ऐसे में बारिश नहीं थमी तो इनका जलस्तर और बढ़ सकता है तथा हालात और बिगड़ जाएंगे। शुक्रवार को भी राज्य की 11 नदियां लाल निशान से ऊपर हैं। गंगा ने तो हाथीदह में जलस्तर के पुराने रिकॉर्ड को तोडक़र नया एचएफएल बना दिया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को सडक़ मार्ग से आरा होते हुए सारण जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और सोन, गंडक और गंगा के जलस्तर का जायजा लिया। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग और जलसंसाधन विभाग को मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट वाले 12 जिलों के डीएम से संपर्क में रहने का निर्देश दिया है। हालांकि शुक्रवार को इलाहाबाद के साथ बनारस में भी गंगा नदी उतरने लगी है। इलाहाबाद में तो लाल निशान से नीचे आ गई है, लेकिन इसका प्रभाव बिहार में दिखने में अभी वक्त लगेगा।

गंगा में उफान के कारण आरा-बक्सर एनएच 84 पर कई जगहों पर पानी चढ़ गया है। भागलपुर में एनएच-80 पर तीन से चार फीट पानी बह रहा है। भागलपुर और कहलगांव के बीच सडक़ संपर्क भंग हो गया है। इंजीनियरिंग कॉलेज और ट्रिपल आईटी पहले ही बंद हो चुके हैं। वैशाली के अलावा मुंगेर, खगडिय़ा और कटिहार में भी स्थिति गंभीर होती जा रही है। समस्तीपुर के मोहिउद्दीनगर, मोहनपुर और विद्यापतिनगर के निचले इलाकों में गंगा का पानी पूरी तरह से फैल चुका है। जिले के मोहिउद्दीननगर-पतसिया पीडब्ल्यूडी सडक़ के कुरसाहा पुल पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है।

गंगा शुक्रवार को भी बनारस से फरक्का तक लाल निशान के काफी ऊपर बह रही है। पटना के हाथीदह में गंगा नदी ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये और 43.21 मीटर का नया एचएफएल बना दिया। पुराना एचएफएल 43.17 मीटर का था। बक्सर में नौ सेमी बढक़र गंगा लाल निशान से 83 सेमी ऊपर है। दीघा घाट में गंगा 24 घंटे में नौ सेमी बढक़र लाल निशान से 116 सेमी ऊपर चली गई है। गांधी घाट में 13 सेमी बढक़र यह नदी लाल निशान से 163 सेमी ऊपर है।

मुंगेर में 42, भागलपुर में 73 और कहलगांव में खतरे के निशान से 109 सेमी ऊपर है। फरक्का में गंगा 13 सेमी बढ़ी और वहां लाल निशान से 113 सेमी ऊपर है। आसपास की नदियों में पुनपुन मात्र नौ सेमी नीचे उतरी है बावजूद अभी पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 1.68 मीटर ऊपर है। सोन अभी मनेर में 1.16 मीटर ऊपर है।

कोसी, गंडक, बागमती और कमला सहित उत्तर बिहार की कई नदियां फिर से उफनने लगी हैं। कोसी का डिस्चार्ज शुक्रवार को बराह क्षेत्र में 115 हजार और बराज पर एक लाख 70 हजार घनसेक पानी मिल रहा है। यह नदी खगडिय़ा में लाल निशान से 105 और कटिहार में 123 सेमी ऊपर है। गंडक का डिस्चार्ज भी वाल्मीकिनगर बराज पर एक लाख 14 हजार घनसेक है। यह नदी गोपालगंज में अब भी लगभग 40 सेमी ऊपर है।

दूसरी नदियों में बागमती मुजफ्फरपुर में 88 तो सीतामढ़ी में 25 सेमी ऊपर बहने लगी है। बूढी़ गंडक खगडिय़ा में 190 सेमी ऊपर चली गई है। कमला झंझारपुर में 130 सेमी ऊपर बह रही है तो जयनगर में भी शुक्रवार को लाल निशान को छूने लगी है। लालबकेया पूर्वी चम्पारण में 60 सेमी ऊपर बह रही है। खिरोई भी एक बार दरभंगा में लाल निशान को छूने लगी है। घाघरा भी सीवान में लाल निशान पार कर गई है। शुक्रवार को वहां छह सेमी ऊपर है।