पटना

लालू यादव की फिर बढ़ सकती हैं मुश्किलें


पटना (आससे)। राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। उन पर जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। चारा घोटाला के एक और मामले में डोरंडा कोषागार अवैध निकासी को लेकर सुनवाई तेज हो गई है। रांची की सीबीआई कोर्ट ने बचाव पक्ष की अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें कोर्ट के फिजिकल तौर पर खुलने तक मामले की सुनवाई टालने का अनुरोध किया गया था।

कोर्ट ने कहा है कि इस मामले को लेकर विशेष तौर पर कोर्ट बैठेगी। कोर्ट ने रोजाना बहस का भी आदेश दिया है। शुक्रवार से कोर्ट में इस पर सुनवाई शुरू हुई। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में फिजिकल और वर्चुअल दोनों मोड में बहस का विकल्प रखा है। बहस के दौरान अधिक से अधिक 5 लोग ही शामिल होंगे। वर्चुअल मोड में बहस चाहने वाले कोर्ट की अनुमति से दस्तावेज देखकर बहस कर सकते हैं।

डोरंडा कोषागार अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव सहित 77 आरोपियों ने फिजिकल कोर्ट शुरू होने तक सुनवाई टालने की अर्जी दी थी। सीबीआई कोर्ट मामले को जल्द निपटाना चाहती है। अभी लालू यादव बेल पर जेल से बाहर है।

चारा घोटाला मामला उस समय का है, जब बिहार-झारखंड एक हुआ करता था। उस समय डोरंडा बिहार में आता था। संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव थे। तब डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला प्रकाश में आया था। इसमें तत्कालीन सीएम लालू यादव, पूर्व मंत्री जगदीश शर्मा, आरके राणा, ध्रुव भगत समेत 110 आरोपित हैं। इस केस में चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में बचाव पक्ष 13 अगस्त यानी आज से बहस की शुरुआत हुई। सीबीआई कोर्ट इस मामले के लिए विशेष तौर पर बैठी।

अभियोजन की ओर से 7 अगस्त को बहस पूरी कर ली गई थी। इस मामले में 575 गवाहों का बयान लिया गया था। बचाव पक्ष की ओर से 110 आरोपियों की ओर से बहस की जानी है। मामला डोरंडा कोषागार से 1990 से 1995 के बीच 139. 35 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है। चारा घोटाले के चार मामलों में लालू यादव को सजा मिली है, जिनमें से चाईबासा के दो मामले आरसी 20ए/96और आरसी 68ए/96, देवघर के एक मामले आरसी 64ए/96 में उन्हें पहले ही जमानत पहले मिल चुकी थी। अभी दुमका कोषागार मामले में जमानत पर हैं।