पटना (आससे)। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में बहुत जल्द रोबोट ऑपरेशन करेगा। इसके लिए डॉक्टरों को ट्रेंड किया जाएगा, जिससे वे रोबोट को गाइड कर सकेंगे। संस्थान में रोबोटिक सर्जरी के लिए भवन का निर्माण हो चुका है और अलग से विभाग बनाया जा रहा है।
आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने बताया कि बहुत जल्द ही यहां रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत कर दी जाएगी। अधीक्षक के अनुसार बिहार के लोगों में मोटापा की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसको लेकर बेरियाट्रिक सर्जरी करवाने यहां के लोग दूसरे प्रदेशों में जाते हैं। लिहाजा बेरियाट्रिक सर्जरी की शुरुआत आईजीआईएमएस में शुरू करने की योजना बनाई गई है। यह सर्जरी रोबोट के द्वारा सरल होता है।
बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए आईजीआईएमएस में नए भवन का निर्माण कराया गया है और सभी विभाग के डॉक्टरों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। अधीक्षक ने बताया कि रोबोट से सर्जरी करने में बहुत आसानी होती है और यही कारण है कि इसका इस्तेमाल आईजीआईएमएस में होने वाला है।
उन्होंने कहा कि बच्चेदानी के कैंसर की सर्जरी, मलद्वार के कैंसर की सर्जरी, प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी और मोटापे की सर्जरी में रोबोट काफी मदद करता है। क्योंकि इस तरह की बीमारियां की सर्जरी काफी जटिल होती है। घाव काफी गहरा होता है और रोबोट इस तरह की सर्जरी में उपयोगी होगा। रोबोट के द्वारा सर्जरी में कम चीरा भी लगेगा। इससे मरीज का बहुत कम मात्रा में खून निकलेगा। मरीज बहुत कम दिनों में ही सर्जरी के बाद छुट्टी लेकर घर जा सकते हैं। मरीजों को ज्यादा तकलीफ भी नहीं होगी।
अधीक्षक ने कहा कि इस सर्जरी में डॉक्टर ही सर्जरी करते हैं, लेकिन रोबोट के माध्यम से होता है। लिहाजा सर्जरी के दौरान मरीजों को कठिनाइयां कम होती हैं। सेंसर के माध्यम से रोबोट बेहतर काम करता है। अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी कम दर पर उपलब्ध होगी और प्राइवेट अस्पताल की तुलना में यहां आधे दर पर यह सुविधा उपलब्ध होगी।
रोबोट सर्जरी की शुरुआत बिहार के सरकारी अस्पतालों में पहली बार आईजीआईएमएस से ही होने जा रही है। इसके लिए मशीन मंगवा लिया गया है और डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।