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बिहार: ललन सिंह का केंद्र पर बड़ा हमला, बोले- जमीन के बदले नौकरी मामले में कोई दम नहीं, CBI की कार्रवाई साजिश


पटना। Lalan Singh जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने कहा है कि जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में काेई दम नहीं है।

इस मामले की सीबीआइ ने दो बार जांच की। पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण दोनों बार इस केस को बंद कर दिया गया।

उन्होंने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सीबीआइ को इस मामले की याद तब आई, जब राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी।

मालूम हो कि यह केस ललन सिंह की ही पहल पर दर्ज हुआ था। सिंह ने कहा कि मैं समझता हूं कि इस मामले में लालू प्रसाद या उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं है।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 2008 में यह मामला आया था। केंद्र में यूपीए की सरकार थी। पहली जांच में कुछ नहीं पाया गया।

ममता बनर्जी रेल मंत्री बनीं तो उन्होंने भी मामले की दोबारा जांच का आदेश दिया। दूसरी बार भी कोई साक्ष्य नहीं पाया गया।

इसके बाद सीबीआइ के स्तर पर इस केस की फाइल बंद कर दी गई। उन्होंने सवाल किया कि केस 2008 का है। उस समय यूपीए की सरकार थी। लेकिन, 2014 में तो भाजपा की सरकार आ गई थी।

केंद्र सरकार ने महागठबंधन की सरकार बनने से पहले यह मामला क्यों नहीं उठाया? नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए हैं और राजद उनका साथ दे रहा है तो अचानक सीबीआइ को साक्ष्य कहां से मिल गया।

उन्होंने कहा कि यह सब केंद्र सरकार के तीन तोते का कमाल है। केंद्र सरकार अपने विरोधियों का मनोबल तोड़ने के लिए इनका उपयोग कर रही है।

यह सिर्फ बिहार में नहीं हो रहा है। यह उन सभी राज्यों में हो रहा है, जहां विरोधी दलों की सरकार है।

सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अपने उत्तरादायित्वों के निर्वहन में विफल है। वह विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए शक्ति का गलत उपयोग कर रही है।