छत्तीसगढ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए और 31 घायल हैं. जबकि एक सीआरपीएफ जवान नक्सलियों के कब्जे में है. छत्तीसगढ़ के नक्सल इतिहास में बड़ी घटनाओं में से एक इस मुठभेड़ में जवानों ने साहस शौर्य के साथ मुकाबला ही नहीं किया बल्कि जवानों ने साथी सैनिकों की जान बचाने को सबसे बड़ा धर्म मानने की मिसाल भी पेश की.
सीआरपीएफ 210 कोबरा बटालियन के जवान बलराज सिंह ने अपने टीम के एसआई अभिषेक पांडेय के घायल होने पर अपनी पगड़ी उतारकर घायल जवान के घाव में बांध दी ताकि खून ज्यादा न बह सके. उनके इस कार्य की हर कोई तारीफ कर रहा है और मिसाल दे रहा है.
बलराज सिंह ने बताया कि 400 की संख्या में नक्सलियों ने उनकी टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी गोली कहां से आ रही थी पता ही नहीं चल रहा था. नक्सली देसी यूबीजीएल जैसे हथियार का उपयोग कर रहे थे. फिर भी जवानों ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और 20 से ज्यादा नक्सलियों को भी मार गिराया. उन्होंने कहा कि वह ठीक होने के बाद फिर से बस्तर में नक्सल मोर्चे में जाना चाहते हैं.