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बुलंदशहर: दरोगा प्रशांत के कंधों पर थी दो परिवारों की जिम्मेदारी, पति की लाश देख पत्नी हुई बेहोश


बुलंदशहर। दो भाइयों के बीच विवाद निपटाने गए सब-इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार यादव की बुधवार (24 मार्च) की देर शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई। सब-इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार यादव की मौत के बाद उनके गृह जनपद बुलंदशहर में भी शोक की लहर दौड़ गई। दरअसल, प्रशांत कुमार यादव बुलंदशहर जिले के कस्बा छतारी के रहने वाले थे। तो वहीं, प्रशांत यादव की मौत की खबर मिलते ही पत्नी रेनू और मां गायत्री सीएचसी खंदौली पहुंच गईं। यहां पति की लाश देखकर पत्नी बेहोश होकर गिर गईं। तो मां बेसुध हो गईं। आपको बता दें कि प्रशांत कुमार यादव पूरे परिवार में इकलौते बेटे थे और उनके कंधों पर दो परिवारों की जिम्मेदारी थी।

प्रशांत कुमार यादव छतारी थाना क्षेत्र के मोहल्ला जनकपुरी के रहने वाले थे। उनका जन्म साल 1986 में रमेश चंद के घर में हुआ था। साल 2005 में प्रशांत कुमार यादव उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पर भर्ती हुए थे। साल 2015 में प्रशांत कुमार यादव उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा के पद पर पदोन्नत हो गए थे। प्रशांत के परिवार की अगर बात करें तो प्रशांत यादव अपने पूरे परिवार में इकलौते बेटे थे। प्रशांत की एक सगी बहन है और तीन चाचा की बेटी हैं। प्रशांत के पिताजी रमेश चंद की 2008 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उसके करीब एक साल बाद ही प्रशांत के चाचा जय सिंह की 2009 में हार्ट अटैक से मौत हुई थी।

रिश्ते में चाचा लगने वाले पड़ोसी बिजेंद्र यादव ने बताया कि करीब 20 दिन पूर्व प्रशांत छुट्टी पर घर आए थे। प्रशांत काफी मिलनसार स्वभाव के थे। घर आने पर वह सबसे राजी खुशी लिया करते थे। छुट्टी से लौटते समय उन्होंने जल्दी आने की बात कही थी। बताया कि 2009 के बाद से ही प्रशांत अकेले ही अपने कंधों पर दो परिवारों का खर्चा चला रहे थे। प्रशांत के चाचा के तीन बेटियां हैं जिनकी अभी शादी होना बाकी है। बताया कि उनकी शादी रेनू से हुई थी। उनका बेटा चार साल का पार्थ है। आगरा में तैनाती मिलने के बाद वह आवास विकास कालोनी में किराये पर रह रहे थे।

बुधवार देर शाम को पुलिस ने परिवार के प्रशांत के शहीद होने की खबर दी तो पत्नी रेनू बेहोश हो गई और मां गायत्री बेसुध हो गईं। मां रोये जा रही थीँ। वह बार-बार एक ही बात कह रही थी बेटे तुम कहां चले गए, तुम ही तो मेरा सहारा थे। अब किसे बेटा कहकर पुकारूंगी। वहीं पत्नी रेनू जब भी होश में आती, रोने लगती। उन्हें महिला पुलिसकर्मी किसी तरह संभाल रही थीं। बेटा पार्थ समझ नहीं पा रहा था आखिर पिता कहां चले गए हैं।

वहीं, प्रशांत की चचेरी बहन अंजलि का कहना है कि अब हमारा परिवार कैसे चलेगा। हमारे पूरे परिवार का चिराग ही बुझ गया। उनकी चचेरी बहन सरकार से मांग कर रही हैं कि परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए। इतना ही नहीं, उन्होंने एक करोड़ की आर्थिक मदद देने की भी मांग की है। साथ ही आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई है। बता दें कि आगरा में खेत के विवाद को सुलझाने पहुंचे दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि आरोपी ने दारोगा प्रशांत कुमार यादव की गर्दन में गोली मारी थी।