पटना

बेगूसराय: डीपीओ और बीईओ के आदेश के बिना ही 10 माह तक का शिक्षक का वेतन रुका, आखिरकार दोषी कौन?


बेगूसराय (आससे)। साहब भुखमरी की स्थिति बनी हुई है बीते 10 माह से वेतन बंद है मेरे परिवार का जीना मुहाल हो रहा है। उक्त फरियाद बलिया प्रखंड के प्रखंड शिक्षक उत्क्रमित मध्य विद्यालय नौरंगा के कुंदन कुमार ने समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ राजकुमार शर्मा के सामने की।

जिस पर डीपीओ साहब आश्चर्यचकित हुए कि मैंने कब वेतन बंद किया ऐसा तो कोई भी चिट्ठी मैंने नहीं निकाला है। जिस पर शिक्षक कुंदन कुमार ने कहा कि साहब बीईओ साहब ने बोला है कि आपका वेतन समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ साहब ने बंद कर दिया है जिसकी एक छाया प्रति आपके सामने लाया हूं। जिसमें बलिया के बीईओ ने अग्रसारित भी किया है।

अब सवाल यह उठता है कि जब भी डीपीओ साहब ने वेतन बंद का आदेश नहीं दिया तो फिर 10 माह तक बीईओ साहब ने किसके पत्र के आदेश पर वेतन स्थगित कर परिवार को भुखमरी की कगार पर ला दिये। बताते चलें कि 16 जून 2020 को समग्र शिक्षा अभियान के विभाग से एक पत्र प्रेषित किया गया था जिसमें वित्तीय वर्ष 2018-19 में समग्र विद्यालय अनुदान की राशि निर्गत की गई थी। जिसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया था।

लेकिन इस पत्र के ठीक विपरीत बलिया के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी वेतन स्थगित करने का आदेश मौखिक रूप से दे दी ना तो कोई आदेश पत्र निकाले और ना ही डीपीओ को वेतन स्थगित करने के संदर्भ में अवगत कराया। जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी इस तरह का कार्रवाई करते हैं तो आखिरकार शिक्षक कहां जाए। क्या बीईओ साहब को यह पता नहीं था कि उस पत्र में वेतन स्थगित करने का कोई आदेश लिखा हुआ है ही नहीं। तो फिर किसके कहने पर उन्होंने 10 माह तक वेतन स्थगित करके रखा।

बताते चलें कि जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने पूर्व में ही एक पत्र निकाला था कि कोई भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किसी भी शिक्षक का वेतन स्थगित करने का आदेश नहीं निकालेंगे। तो फिर शिक्षक कुंदन कुमार का वेतन स्थगित कैसे हुआ? इस संदर्भ में जब भी डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान के राजकुमार शर्मा से बातचीत हुई तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस संदर्भ में कोई पत्र निकाला ही नहीं गया है।

तो अब सवाल उठता है कि इसके पीछे दोषी कौन है जो 10 माह तक शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित रहे। वही एक सवाल यह भी उठ रहा है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय नौरंगा के शिक्षक कुंदन कुमार इतने दिनों तक खामोश क्यों थे? यह भी सवाल उठना लाजमी है।

बताते चलें कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 50 हजार की राशि उत्क्रमित मध्य विद्यालय नौरंगा को समग्र विद्यालय अनुदान के तहत राशि दी गई थी जिसका उपयोगिता प्रमाण पत्र जनवरी माह 2021 में जमा कर दिया गया है। इसके बावजूद कुंदन कुमार को वेतन नहीं मिली है। कई त्यौहार बीत गए। लेकिन वेतन नहीं मिला है।