पटना

बेगूसराय: विद्यालय प्रधान एवं बैंक की उदासीनता के कारण 51% विद्यालय का ही खुला खाता


सबसे कम साहेबपुर कमाल प्रखंड के विद्यालय में खाता खुला

बेगूसराय (आससे)। विद्यालय प्रधान एवं बैंक की लापरवाही से 49 प्रतिशत सरकारी विद्यालयों का खाता नहीं खुल पाया है। जिसके कारण विकास मद की राशि से वंचित होना पड़ सकता है। जब तक खाते नहीं खुलेंगे तब तक विद्यालय प्रधान राशि खर्च नहीं कर पाएंगे। बताते चलें कि समग्र शिक्षा के तहत सभी विद्यालय प्रधान को आदेश दिया गया था कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा में खाता खुलवा ले। यह आदेश 1655 विद्यालयों को मिला था। जिसमें 851 विद्यालय ने ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खाता खुलवा पाए हैं।

वहीं विभाग के आदेश की मियाद 30 सितंबर 2021 को समाप्त हो गई है। 804 विद्यालय के प्रधान ने खाता नहीं खोलवा पाए हैं। ज्ञात हो कि समग्र शिक्षा ने सभी विद्यालयों प्रधान को आदेश दिया था कि पूर्व से चल रहे विभिन्न बैंकों में खाते को बंद करके राशि को विभाग को वापस कर दे और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में सभी विद्यालय प्रधान खाता खोलवा ले। इसी कड़ी में सभी विद्यालयों ने ₹30 करोड़ समग्र शिक्षा को वापस किया।

मिली जानकारी के अनुसार सबसे कम खाता साहेबपुर कमाल प्रखंड के विद्यालयों में खुल पाए हैं। वही छौड़ाही, गढ़पुरा, खोदावंदपुर, वीरपुर एवं डंडारी प्रखंड के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों में खाते खुलवाए जा चुके हैं। तो वही सामहो प्रखंड में 18 में से 17 विद्यालय में खाते  खुले हैं।

साहेबपुर कमाल प्रखंड में 105 विद्यालयों में से तीन ही विद्यालय में खाते खुले हैं। मटिहानी प्रखंड में 83 विद्यालयों में से 72, बखरी प्रखंड में 72 विद्यालय में से 58, बलिया प्रखंड में 100 विद्यालय में से 69, बरौनी प्रखंड में 106 विद्यालय में से 62, बेगूसराय प्रखंड में 227 विद्यालय में से 89, चेरिया बरियारपुर प्रखंड में पंचानवे विद्यालय में से 35, तेघरा प्रखंड में 147 विद्यालय में से 42, बछवारा प्रखंड में 129 विद्यालय में से 35, नावकोठी प्रखंड में 49 विद्यालय में से 10, भगवानपुर प्रखंड में 121 विद्यालय में से 20, मंसूरचक प्रखंड में 75 विद्यालय में से 9 विद्यालय में ही खाता खुल पाए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच में खाता खुलवाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। जहां लिंक फेल होने की बात कह कर वापस कर दी जाती है और कोई संतोषजनक जवाब बैंक के अधिकारी नहीं देते हैं जिसके कारण खाता खुलवाने में काफी परेशानी हो रही है। तो वहीं कुछ विद्यालय प्रधान की लापरवाही की वजह से खाते नहीं खुल पाए हैं। बताते चलें कि कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं। जहां पर प्रभार को लेकर विवाद के कारण स्टेट बैंक में खाते नहीं खुल पाए हैं। वहीं सदर प्रखंड के अंतर्गत मध्य विद्यालय वनद्वार एवं सीआरसी वनद्वार में प्रभार को लेकर विवाद चल रहे हैं, तो वही उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू दामोदरपुर भगवानपुर के प्रधान की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है। जिसकी वजह से उक्त विद्यालय में भी विवाद चल रहा है।

सवाल उठना लाजमी है कि जब विभाग के द्वारा तय तिथि के अंदर खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खुलवा लेना था। लेकिन लापरवाही और खींचतान की वजह से खाते नहीं खुलवा पाए हैं। जिससे विद्यालय को दी जाने वाली विकास राशि से मोहताज होना पड़ सकता है। वहीं नए नियम के तहत समग्र शिक्षा ने तय राशि को वित्तीय वर्ष में खर्च करना होगा अन्यथा स्वतः राशि समग्र शिक्षा के खाते में रिकवरी हो जाएगी।