पटना

बेगूसराय: शिक्षक अभ्यर्थियों के योगदान के पूर्व में ही 19 के निकले फर्जी दस्तावेज


      • दर्जनों फर्जी शिक्षक अभ्यर्थियों की संख्या में इजाफा का कयास
      • 1537 अपलोड शिक्षकों की दस्तावेज की हो रही जांच
      • 100 से अधिक फर्जी शिक्षकों पर गिरेगी गाज

बेगूसराय (आससे)। तू डाल-डाल मैं पात-पात वाली कहावत हो चली है फर्जी दस्तावेज पर शिक्षक बनने की ख्वाहिश पाल रखे शिक्षकों के मंसूबों पर पानी फिरती दिख रही है। 2019 के शिक्षक नियोजन सीटों पर 2021 में नियोजन प्रक्रिया के दौरान शिक्षा विभाग को आंख में धूल झोंकने से शिक्षक अभियार्थी बाज नहीं आए। यह हकीकत तब सामने आया है जब उन सभी दस्तावेजों की जांच शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा करवा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बेगूसराय जिले में लगभग दर्जनों ऐसे शिक्षक अभ्यार्थी है जो फर्जी दस्तावेज के आधार पर विभिन्न नियोजन इकाई में मेधा क्रम में स्थान पाने में सफल रहे। जिसकी जांच शिक्षा विभाग के द्वारा कराई जा रही है जिसमें 19 शिक्षक को चिन्हित कर लिया गया है जिनकी दस्तावेज फर्जी है।

2019 शिक्षक नियोजन की शेष बची सीट पर जो बहाली बीते माह हुई है। उन सभी शिक्षकों अभ्यर्थियों का पहले दस्तावेज की वेरिफिकेशन होगी। इसके बाद ही योगदान करवाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इसी दौरान फर्जी अभ्यार्थी शिक्षक बनने की पाल रखे ख्वाब पर ग्रहण लगता दिख रहा है। शिक्षा विभाग में कुछ ऐसे भी बिचौलिए हैं जो इस गोरखधंधा में शामिल है। जो कि फर्जी शिक्षकों को बचाने का कार्य भी करते हैं। बताते चलें कि जिला पदाधिकारी ने सेवा समाप्त का आदेश के बावजूद वीरचंद पासवान को शिक्षा विभाग ने अभी तक सेवा से मुक्त नहीं कर पाए हैं। वीरचंद पासवान को बचाने के लिए शिक्षा विभाग के बिचौलिए भी सक्रिय हैं। जबकि इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने बताया था कि वीरचंद पासवान पर कार्रवाई होगी लेकिन निलंबित कर आज तक कोई कार्रवाई नहीं करना कई सवाल खड़े कर रहे हैं। आखिरकार वीरचंद पासवान को बचाने का कार्य कौन कर रहे हैं।

वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने बताया कि लगभग 100 फर्जी शिक्षक हैं जिनकी फोल्डर तैयार कर ली गई है जिसके ऊपर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। उक्त फर्जी शिक्षक पूर्व के नियोजन में बहाल हुए थे वहीं बीते माह की नियोजन में शिक्षक अभ्यर्थी में से भी 100 शिक्षक अभ्यार्थी फर्जी दस्तावेज पेश कर मेधा सूची में स्थान बनाए जाने की बात सामने आ रही है। जिसकी जांच प्रक्रिया चल रही है। वहीं शिक्षक के सम्मान को धूमिल कर रहे हैं फर्जी शिक्षक फर्जी शैक्षणिक योग्यता, फर्जी टीईटी पास सर्टिफिकेट लेकर बन बैठे है। ना डर, ना भय और इनकी जुगाड़ टेक्नोलॉजी भी जबरदस्त। बताते चलें कि बेगूसराय जिले में 2006 से 2015 तक बहाल हुए शिक्षकों की कुल संख्या 10306 है जिसमें 8544 शिक्षकों का दस्तावेज निगरानी को सौंपा गया था।

ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय ने फर्जी शिक्षकों के खिलाफ जांच कराने का आदेश दिया था साथ ही कहा था कि वैसे फर्जी शिक्षक जो त्यागपत्र दे देते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसी के आलोक में 245 फर्जी शिक्षकों ने त्यागपत्र देना मुनासिब समझा। लेकिन इसके बावजूद कई शिक्षक अपने पद पर फर्जी तरीके से बने हुए हैं। 1517 शिक्षकों का दस्तावेजों का अता पता नहीं है, लेकिन वेतन पाते रहे। जिसको लेकर निगरानी ने सभी नियोजन इकाई से दोबारा दस्तावेज का फोल्डर प्रत्येक शिक्षकों को जमा करने को कहा था। लेकिन इन फर्जी शिक्षकों की इतनी पहुंच है कि बीआरसी से फोल्डर को ही गायब करवा देते हैं।

19 दिसंबर 2020 को विजिलेंस की एक बैठक बीपी इंटर स्कूल में आहूत की गई थी। जिसमें सभी पंचायत नियोजन इकाई के सचिव को बुलाया गया था और आदेश दिया गया था कि जिन शिक्षकों का दस्तावेज अभी तक जमा नहीं हुआ है उन सभी शिक्षकों का दस्तावेज जमा किया जाए। जिसमें कई पंचायत नियोजन इकाई के सचिव ने कहा था कि कई सचिव का तबादला हो चुका है तो वहीं कुछ का निधन भी हो गया है। जिसकी वजह से दस्तावेज का अता पता नहीं है।

इसी कड़ी में जिले में 1517 शिक्षकों का डाटा एनआईसी के पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। अब सवाल यह उठता है कि 1517 शिक्षकों का फोल्डर कहां गायब हो गया था। आखिरकार निगरानी को क्यों नहीं सौंपा गया। फर्जी शिक्षकों के कारण ही अच्छे शिक्षक भी आज बदनाम हो रहे हैं। फर्जी शिक्षक अभी भी अपने को बचाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग का चक्कर भी लगा रहे हैं। आखिरकार फर्जी शिक्षकों को कौन बचा रहा है क्या शिक्षा विभाग के माफिया भी संलिप्त हैं। जो फर्जी शिक्षकों को बचाने का कार्य कर रहे हैं। इस तरह की भी अब सवाल उठने लगे हैं।