फारबिसगंज (अररिया)। बिहार के अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड के बिशनपुर पंचायत स्थित मझुलता गांव में कोरोना संक्रमित दंपती की मौत हो गई। चार मई को पूर्णिया में इलाज के दौरान पति की मौत हुई तो वहीं शुक्रवार की देर रात पत्नी ने दम तोड़ा। इस घटना के बाद परिजन के घरों में कोहराम मचा है। मृतक के तीन छोटे-छोटे बच्चे है। मृत दंपति की बड़ी बेटी सोनी ने पीपीई किट पहनकर अपनी मां के शव को गड्ढे में दफन किया।
वहीं ग्रामीणों के मुताबिक दोनो पति-पत्नी 28 अप्रैल को एक साथ कोरोना संक्रमित हुए थे। इसके बाद दोनों को इलाज के लिए पूर्णिया ले जाया गया। पूर्णिया में इलाज के दौरान तीन मई को पति की मौत हो गयी। इसके बाद पत्नी का इलाज जारी था। इस दौरान परिजनों के पास इलाज केलिए पैसे नहीं होने के कारण पत्नी को हॉस्पिटल से बुधवार को घर लाया गया।
इस बीच गुरुवार की देर रात को पत्नी की तबियत काफी बिगड़ने लगी। स्थानीय मुखिया सरोज कुमार मेहता की मदद से उसे इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज ले जाया गया। फारबिसगंज में गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए मधेपुरा रेफर कर दिया। मधेपुरा जाने के दौरान रास्ते मे ही पत्नी की मौत हो गयी। घटना को लेकर स्थानीय मुखिया सरोज कुमार मेहता ने बताया कि तीन मई को पूर्णिया में इलाज के दौरान पति की मौत के बाद जब पत्नी को होंश आया तो बिस्तर पर पति को नहीं देखा। इसके बाद परिजनों ने उसको पति की मौत होने की जानकारी दी।
इसके बाद पत्नी की लगातार तबियत बिगड़ने लगी थी। इधर रानीगंज रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि दोनों की मौत कोरोना से हुई है। दोनो पति पत्नी कोरोना पोजोटिव थे। इस दौरान मझुलता गांव में कई बार एम्बुलेंस भेजा गया था। दोनों को बचाने की काफी कोशिश की गई। लेकिन ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरने से मौत हो गयी। मृतक ग्रामीण चिकित्सक था। घटना को लेकर गांव में कोहराम मचा हुआ है। आसपास के लोग सहमे हुए है। वहीं इस गांव में आधा दर्जन से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हुए है। इनमे एक की हालत गंभीर बनी हुई है।