बेनीपट्टी (मधुबनी)। आधुनिकता के 21वीं सदी में जहां लोग तेज व सरपट दौड़ती जिंदगी जीने को मशगुल है, वहीं बेनीपट्टी प्रखंड के करहारा पंचायत के हजारों लोगों के जिदंगी दौड़ना तो दूर सही ढंग से रेंग भी नहीं पा रहे है। पंचायत के लगभग पांच गांवों में सही ढंग से ग्रामीण पथ तक नहीं है, जिससे लोगों की जिदंगी में कुछ तेजी आ सके।
वहीं पंचायत के मुहाने पर बर्बादी की कई गाथाऐं लिख चुकी अधवारा समूह की सहायक धौंस नदी पर पुल नहीं होने के कारण आज भी लोगों को जहां पांव-पैदल यात्रा करना पड़ रहा है, वहीं पंचायत में मुलभूत सुविधा नहीं होने से बाहरी लोग उक्त पंचायत के गांवो में अपनी बेटी का ब्याह तक नहीं करते है। यदा-कदा नव नवेली दुल्हन को आज भी लड़के वालें या तो नाव में चढाकर घर तक ले जाते है या फिर डोली में।
जानकारी दें कि उक्त पंचायत पूर्णरुप से बाढग्रस्त के श्रेणी में आने के बावजूद प्रशासन के द्वारा न तो पंचायत में ग्रामीण पथ का निर्माण करा सकी न ही किसी जनप्रतिनिधि ने धौंस नदी पर पुल का निर्माण करा पाया। मुखिया ने धौंस नदी पर पुल निर्माण को अतिआवश्यक बताते हुए कहा कि जब तक पुल का निर्माण नहीं हो पायेगा, तब तक पंचायत की प्रमुख समस्या का निदान नहीं संभव है।
दरअसल इस पंचायत का भौगोलिक स्थिति इतनी खराब है कि पंचायत में जाने के हर मुहाने पर नदी का मिलना तय है, वहीं पंचायत का दो विधानसभा में विभक्त होना भी विकास से दूर होने में अहम भूमिका अदा कर रहा है। ऐसा नहीं है कि ग्रामीण अपने स्तर से जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी से गुहार न लगाये हो या फिर आन्दोलन न किये हो, मगर आज तक उक्त आश्वासन एवम् आन्दोलन अपना असर नहीं दिखा पाया।
ज्ञात हो कि बेनीपट्टी मुख्यालय से महज दस किमी पश्चिम करहारा पंचायत लगातार प्राकृतिक आपदाओं से जुझता रहा है। प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि करहारा पंचायत के समस्याओं से वे वाकिफ है। धौंस नदी पर पुल के निर्माण कार्य प्रखंड से संभव नहीं है। इसके लिए अन्य संबंधित विभाग को ही आगे आना होगा। प्रखंड स्तर से जो भी विकास संभव होगा, वो किया जाएगा।