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BJP ने बिहार समेत 4 राज्यों में बदले अध्यक्ष, दिल्ली में वीरेंद्र सचदेवा को मिली जिम्मेदारी


नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने आज कुछ अहम कदम उठाए हैं। बता दें कि भाजपा ने आज बिहार, दिल्ली, राजस्थान और उडीसा मे भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों को बदला है।

है। नड्डा ने सीपी जोशी को राजस्थान का पार्टी प्रदेश अध्यक्ष, मनमोहन सामल को ओडिशा का पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और वीरेंद्र सचदेवा को दिल्ली भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है।

बिहार के नए भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी

बिहार भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष अब सम्राट चौधरी हैं। आलाकमान ने उन्हें बिहार BJP का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। सम्राट चौधरी अभी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बाद अब पार्टी की कमान सम्राट चौधरी के हाथों में सौंपी गई है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के द्वारा जारी पत्र में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सम्राट चौधरी को सौंपी गई है। बता दें कि संजय जायसवाल अभी तक इस पद को संभाल रहे थे और उनका कार्यकाल पिछले साल ही समाप्त हो गया था। पार्टी के सदस्यों को भी इसका इंतजार था कि अब नए प्रदेश अध्यक्ष को कब आलाकमान चुनती है।

बता दें कि बिहार में सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। सूबे में भाजपा अब विपक्ष में बैठी है। वहीं कल तक साथ रही जदयू अब राजद के साथ है और भाजपा व महागठबंधन में सीधी टक्कर है। आगामी चुनाव को लेकर सम्राट चौधरी का चयन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कौन हैं सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी कुशवाहा बिरादरी से हैं और दिग्गज नेता रहे शकुनी चौधरी के पुत्र हैं। वो पार्टी में उपाध्यक्ष की भूमिका में भी रह चुके हैं। करीब तीन दशक से सियासी अनुभव के साथ सम्राट चौधरी ने राजद से सियासी पारी की शुरूआत की थी। कई बड़े विभागों में वो मंत्री भी रहे हैं। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सम्राट चौधरी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा बिहार की 40 में 40 सीटें जीतेगी और 2025 में बिहार में पहली बार भाजपा की सरकार बनेगी।

दिल्ली की कमान सचदेवा के नाम

दिल्ली में भाजपा की कमान वीरेंद्र सचदेवा को सौंपी गई है। बता दें कि दिल्ली भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष आदेश गुप्ता के इस्तीफे के बाद प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी।

कौन हैं वीरेंद्र सचदेवा

वीरेंद्र सचदेवा का राजनीतिक सफर बहुत ही संघर्ष भरा रहा है। वह मंडल से लेकर जिला अध्यक्ष और अब कार्यकारी अध्यक्ष पद पर पहुंचे हैं। सचदेवा की संगठनात्मक पकड़ बहुत मजबूत है। इसलिए वह संगठन में कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के प्रमुख के तौर पर भी रहे हैं।

सचदेवा का परिवार पाकिस्तान से शरणार्थी के तौर पर दिल्ली आया था और वह शुरुआत में चांदनी चौक में रहे और फिर पूर्वी दिल्ली में रहने लगे। इसलिए पहले वह चांदनी चौक भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे और बाद में मयूर विहार जिले के अध्यक्ष रहे।

बता दें कि  वीरेंद्र सचदेवा 1990 में समिति के अध्यक्ष बने थे। इसके बाद बाजार सीताराम मंडल में महामंत्री और अध्यक्ष भी रहे हैं। सचदेवा ने पत्रकारिता की पढ़ाई की है वह दो वर्ष तक एक सांध्य अखबार में रिपोर्टर के तौर पर भी काम कर चुके हैं।

BJP ने सौंपी राजस्थान की कमान सीपी जोशी के हाथ

राजस्थान में BJP ने प्रदेश मुखिया सतीश पूनिया की जगह चितौड़गढ से लोकसभा सांसद सीपी जोशी को नया अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि सीपी जोशी को लेकर पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सांसद को पीएम मोदी की कैबिनेट में भी जगह मिल सकती है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह ने आदेश जारी कर सीपी जोशी को बीजेपी का नया प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया है।

कौन हैं सीपी जोशी

सीपी जोशी एक भारतीय राजनेता, किसान और भवन निर्माता हैं जो राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी से समन्धित हैं। सीपी जोशी का पूरा नाम चन्द्र प्रकाश जोशी है लेकिन क्षेत्र में ये सीपी जोशी नाम से ही लोकप्रिय हैं। ये वर्तमान में राजस्थान राज्य के चितौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र के 2014 से लोकप्रिय सांसद हैं और अभी 2019 में इसी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत दर्ज की।

ओडिशा के नए प्रदेशाध्यक्ष बने मनमोहन सामल

राज्‍य के पूर्व राजस्‍व मंत्री और भाजपा के वरिष्‍ठ नेता मनमोहन सामल को पार्टी ने अपना नया अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया है। यह नियुक्ति तत्‍काल प्रभाव से लागू की जाएगी।

भाजपा ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महमोहन सामल को ओडिशा की कमान सौंपी है ताकि बेहतर रणनीतियां बनाई जा सके और राज्‍य में बहुमत से भाजपा की सरकार बने। पार्टी ने चुनावों को लेकर अभी से सभी तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा अगले चुनाव में जीत का हैट्रिक लगाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसके तहत पार्टी की नजर खासतौर पर उन राज्‍यों में है, जहां या तो उनकी सरकार नहीं है या पार्टी की स्थिति कमजोर है।