विधानसभा चुनाव से करीब सवा साल पहले हो रहे निकाय और पंचायत चुनाव भाजपा के लिए किस कदर महत्वपूर्ण हैं, समझा जा सकता है। उत्तर प्रदेश में भी पिछले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले इसी तरह पंचायत और निकाय चुनाव हुए थे जिनमें भाजपा की बड़ी सफलता ने विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत जमीन तैयार कर दी थी। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सारी अटकलों एवं अनुमानों को गलत साबित करते हुए बड़ी जीत हासिल की थी। मध्य प्रदेश में भी पार्टी यही उदाहरण दोहराना चाहती है, पर शिवराज सिंह इसके लिए कोई शार्टकट नहीं अपनाना चाहते। राजनीतिक समीक्षक दागियों के सवाल पर मुख्यमंत्री के सख्त स्टैंड को उनके उच्च आत्मविश्वास का संकेत मानते हैं।