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भारतीय दूत ने चीन को लगाई फटकार, कहा- “सीमा प्रबंधन में पैदा न करें भ्रम”


  • बीजिंगः सीमा विवाद के चलते भारत और चीन के बीच तनातनी का दौर जारी है। दुनिया के सामने सुलह का दिखावा करने वाला चीन अपनी भारत विरोधी गतिविधयों से बाज नहीं आ रहा। चीन की इन्हीं हरकतों का कड़ा संज्ञान लेते हुए भारत ने ड्रेगन को आडे़ हाथों लेते हुए ”गोलपोस्ट न बदलने” और सीमा मामलों के प्रबंधन में ”भ्रम” पैदा न करने तथा सीमा के सवाल को हल करने के वृहद मुद्दे के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने को कहा है। पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में पैदा हुए गतिरोध के बाद भारत लगातार कहता रहा है कि सीमावर्ती इलाकों में शांति दोनों देशों के संबंधों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है।

चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने 23 सितंबर को चीन-भारत संबंधों पर चौथे उच्च स्तरीय ट्रैक-2 संवाद में कहा कि पड़ोसी होने के अलावा भारत और चीन बड़ी और उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं एवं ”मतभेद तथा समस्याएं होना असामान्य नहीं है”। मिसरी ने कहा, ”महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इनसे कैसे निपटा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि हमारी सीमाओं पर शांति बनाए रखने के लिए नतीजे तार्किकता, परिपक्वता और सम्मान पर आधारित हो।” मिसरी के अलावा भारत में चीन के राजदूत सुन वीदोन्ग ने भी बैठक में भाग लिया।