केंद्रीय बल के कारतूस पहुंच रहे नक्सलियों तक
केंद्रीय बल के कारतूस की नक्सलियों तक सप्लाई के खुलासे के बाद अब आर्मी में भी सेंधमारी ने पुलिस व जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसी स्थिति में यह तय माना जा रहा है कि इस पूरे मामले का अनुसंधान भी बहुत जल्द राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अपने हाथ में ले सकती है। झारखंड पुलिस के अनुसार बालूमाथ थाना क्षेत्र में बरामद 30 पीस 40 एमएम एचई ग्रिनेड एक शक्तिशाली विस्फोटक है। इसका प्रयोग कर सुरक्षा बलों, संवेदनशील प्रतिष्ठानों व टारगेटेड वाहन को भारी क्षति पहुंचाई जा सकती है। इतने अत्याधुनिक हथियार उग्रवादियों के पास कहां से आये एवं उग्रवादी इसका क्या प्रयोग करने वाले थे, इस बारे में झारखंड पुलिस भी अपने स्तर से सघन जांच कर रही है।
बीएसएफ व सीआरपीएफ में सेंधमारी का भी खुलासा
झारखंड पुलिस की आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने गत दस माह के भीतर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में सेंधमारी का खुलासा किया था। इसमें सीआरपीएफ के पुलवामा स्थित 182 बटालियन का भगोड़ा जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा, बीएसएफ के पंजाब के फिरोजपुर स्थित 116 बटालियन के स्वैच्छिक सेवानिवृत्त जवान अरुण कुमार सिंह उर्फ फौजी और बीएसएफ के उसी 116 बटालियन के हवलदार कार्तिक बेहरा की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। कार्तिक बेहरा बीएसएफ के फिरोजपुर स्थित बीएसएफ के 116 बटालियन का कोत प्रभारी भी था, जिसकी निशानदेही पर बटालियन से चुराए गए 8304 कारतूस की बरामदगी हुई थी। इन सभी कांडों का अनुसंधान बाद में एनआइए ने अपनी हाथों में ले लिया था। तब से इस पूरे प्रकरण का अनुसंधान एनआइए कर रही है।