- 12 से 18 साल के बच्चों पर कोविड वैक्सीन का टेस्ट कर रही गुजरात के अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ग्रुप जल्द ही भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल से अपने वैक्सीन के लिए एमरजेंसी उपयोग अथॉरिटी की मांग कर सकती है. बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, अगर केडिला को इस टेस्ट की मंजूरी मिल जाती है, तो यह दुनिया का पहला DNA-plasmid कोविड वैक्सीन होगा. वहीं सरकार और कंपनी के सूत्रों ने पुष्टि की कि अहमदाबाद स्थित फर्म लगभग एक सप्ताह में ड्रग रेगुलेटर से एमरजेंसी उपयोग की अनुमति की मांग कर सकती है.
एक सरकारी अधिकारी ने अखबार के हवाले से कहा कि केडिला की बच्चों पर परिक्षण वाली वैक्सीन टेस्टिंग के तीसरे चरण पर पहुंच गई है. कंपनी जल्द ही अपने टीके के लिए EUA की तलाश कर सकती है. कंपनी की तैयारी अपनी वैक्सीन के लिए जून या जुलाई के अंत तक इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पाने की है.
वैक्सीन बच्चों पर होगा असरदार
कंपनी के डायरेक्टर पटेल ने कहा, ” वैक्सीन बनाने की शुरुआत हमेशा बड़े उम्र के लोंगो से की जाती है. इसके बाद युवा और फिर बच्चों के लिए वैक्सीन तैयार की जाती है. उन्होंने कहा कि हमारी वैक्सीन बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद होगी. अबतक किए गए टेस्ट में कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है. इस वैक्सीन का दूसरा फायदा ये है कि इसमें इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती है.”