- अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी रंब्लकन ने कहा कि भारत में कोरोना महामारी द्वारा पैदा हुई विकराल स्थिति में वाशिंग्टन उसके साथ खड़ हैं। हम भारतीय अधिकारियों के साथ मिल कर कार्य कर रहे हैं और उसके स्वास्थ्यकर्मियों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करेंगे।श्री रंब्लकन ने ट्वीट किया, ”कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच हम भारतीय लोगों के साथ खड़ हैं। हम भारतीय अधिकारियों के साथ मिल कर कार्य कर रहे हैं और उसके स्वास्थ्यकर्मियों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करेंगे।” अमेरिका के कोविड-19 टीकों के उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल के निर्यात पर अपने प्रतिबंधों का बचाव करने के ठीक एक दिन बाद श्री रंब्लकेन ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पहला दायित्व अमेरिकी लोगों की आवश्यकताओं का ध्यान रखना है।
अमेरिका चैंबर ऑफ कॉमर्स ने देश के प्रशासन को भारत, ब्राजील और ऐसे अन्य देशों में महामारी से पीड़तिं के लिए लाखों ‘एस्ट्रोजेनेका वैक्सीन खुराक’ भेजने के लिए कहा है।अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख मेरॉन ब्रिलियंट ने एक बयान में कहा कि इन टीकों की अमेरिका में जरूरत नहीं होगी, जहाँ यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वैक्सीन निर्माता हर अमेरिकी को टीका लगाने के लिए जून की शुरुआत तक पर्याप्त खुराक का उत्पादन करने में सक्षम हैं। यह कदम अमेरिका के नेतृत्व में लिया गया है। कोई भी इस महामारी से सुरक्षित नहीं है।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने 16 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से अनुरोध किया था कि वह उन कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध हटा लें जिनका उपयोग कोविड वैक्सीन के निर्माण के लिए किया जाता है।गौरतलब है कि भारत में वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है और लोगों को टीकाकरण करने के लिए टीकों की अधिक आवश्यकता होगी। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अभी तक 14,09,16,417 टीके लगाए जा चुके हैं।