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सीएम योगी का निर्देश, सरकारी अस्पताल में बेड नहीं तो निजी हॉस्पिटल में होगा इलाज, खर्च वहन करेगी सरकार


  1. उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल का कहना है कि कोई भी अस्पताल मरीज को वापस नहीं करेगा. अगर सरकारी अस्पताल में बेड नहीं है तो निजी अस्पताल में मरीज को भेजा जाएगा और पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वजह से बिगड़ रहे हालातों के बीच बड़ी खबर सामने आई है. उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी अस्पताल मरीज को वापस नहीं करेगा. अगर सरकारी अस्पताल में बेड नहीं है तो निजी अस्पताल में मरीज को भेजा जाएगा और पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. केरोना की रोकथाम के लिए प्रदेश में इस वक्त सैनिटाइजेशन का काम चल रहा है.

    ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं
    इससे पहले शनिवार को अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया था कि प्रदेश में ऑक्सीजन के लिए नियंत्रण कक्ष खोला गया है. जिसके माध्यम से अस्पतालों को कब, कहां, कितनी ऑक्सीजन जा रही है, इसकी निगरानी की जा रही है. ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. नवनीत सहगल ने ये भी कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि डॉक्टर की तरफ से दी गई दवा की पर्ची दिखाने पर ऑक्सीजन सिलेंडर दिया जाए ताकि होम आइसोलेशन में लोगों को परेशानी ना हो.

    लगातार बढ़ रहे हैं केस
    बता दें कि, उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से हालात भयावह होते जा रहे हैं. बीते 24 घंटों में कोरोना के 35614 नए केस सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि इलाज के बाद 25,633 लोग अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं. इस समय राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 2,97,616 है और अब तक 11165 लोगों की मौत हो चुकी है. इतना ही नहीं शनिवार को प्रदेश में 2,29,578 सैंपल की जांच की गई.

    मुफ्त इलाज की मांग
    कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यूपी में सियासत जारी है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर नाकामी का आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार से कोविड-19 की मुफ्त जांच, मुफ्त टीका और मरीजों के मुफ्त इलाज की मांग की है.