बेंगलुरु, । कर्नाटक में हिजाब विवाद एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है। सोमवार को दक्षिण कन्नड़ जिले के मंगलुरु (Mangaluru) शहर में कुछ छात्रों को उनके कालेज से वापस भेज दिया गया जिसके बाद विवाद बढ़ गया। यूनिवर्सिटी कालेज (University College in Mangaluru) के बारह हिजाब पहनी छात्राएं कक्षाओं में प्रवेश करने की कोशिश कर रहीं थी लेकिन कालेज के अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। हिजाब उतारने से इनकार करने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। बता दें कि कक्षाओं में हिजाब पहनने के खिलाफ सैकड़ों छात्रों के विरोध के बाद बंद कालेज को आज एक बार फिर से खोला गया है।
छात्राओं ने डीसी को दिया ज्ञापन
कक्षाओं में प्रवेश करने से मना करने के बाद छात्राएं इस संबंध में एक ज्ञापन देने के लिए दक्षिण कन्नड़ के जिला आयुक्त (डीसी) डॉ राजेंद्र के वी के कार्यालय गए। छात्रों ने मांग की कि डीसी कॉलेज प्रबंधन को उन्हें हिजाब के साथ कक्षाओं के अंदर जाने की अनुमति दें।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनाया था अहम फैसला
बता दें कि शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने 17 मार्च को रोक लगा दी थी। कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि हिजाब पहनना कोई धार्मिक प्रथा नहीं है और इसलिए इसको पहनने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
यह है पूरा मामला
कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरुआत इस साल जनवरी में तब हुई जब राज्य के उडुपी जिले के एक सरकारी गर्ल्स पीयू कालेज में कुछ हिजाब पहनी छात्राओं को एंट्री नहीं दी गई। इसके बाद छात्राओं ने कक्षाओं में न जाने देने का विरोध किया। छात्राओं ने इसके लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया लेकिन कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है।