पटना

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पर काररवाई की सिफारिश


कार्रवाई को शिक्षा विभाग ने भेजा राजभवन को पत्र

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पर कार्रवाई की सिफारिश राजभवन से की है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के निर्देश पर शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ ने गुरुवार को राज्यपाल सचिवालय के सचिव को पत्र लिखा है। पत्र के जरिये राज्यपाल सचिवालय को मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के विरुद्ध विशेष निगरानी इकाई द्वारा आईपीसी की धारा 120 बी एवं 420 तथा पीसी एक्ट 1988 के तहत आर-डब्ल्यू सेक्शन 12, 13 (2) तथा 13 (1) (बी) के तहत दर्ज एफआईआर की जानकारी दी गयी है।

यह एफआईआर कांड संख्या- दो के तहत 16 नवंबर को दर्ज है। इसके मद्देनजर शिक्षा सचिव ने अपने पत्र में राज्यपाल सचिवालय के सचिव से कहा है कि गृह विभाग (विशेष शाखा) से प्राप्त पत्र में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के उनके वर्तमान पद पर बने रहने से संबंधित कांड में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ एवं गवाहों को दुष्प्रभावित करने की संभावना व्यक्त की गयी है। पत्र में कहा गया है कि गृह विभाग (विशेष शाखा) का पत्र नियमानुकूल आवश्यक कार्रवाई हेतु संलग्न कर भेजा जा रहा है।

इस बीच शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुसार कुलपति राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ गंभीर आरोप है और प्राथमिकी भी 16 नवंबर को दर्ज हुआ है। इसीलिए उनके खिलाफ कार्रवाई हेतु पत्र राजभवन को लिखा गया है।

उल्लेखनीय है कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पर उत्तर पुस्तिका खरीद मामले में 30 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप है। पिछले दिनों विशेष निगरानी इकाई ने आरोपी कुलपति के आवास सहित कई  जगहों पर पर एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान विदेशी करेंसी सहित लगभग दो करोड़ कैश मिले थे। निगरानी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर केस भी दायर किया था। माना जा रहा था, केस दर्ज होने के बाद राजभवन उनसे शो काउज कर कार्रवाई करेगा। हालांकि मामले ने तूल पकडऩे के बाद प्रो. राजेंद्र प्रसाद 23 नवंबर को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए लंबी छुट्टी पर चले गये। इसके बाद मगध विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति विभूति नारायण सिंह को कुलपति का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

दूसरी ओर राज्यपाल एवं कुलाधिपति फागू चौहान ने गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से नई दिल्ली में मुलाकात की। राजपाल की केंद्रीय शिक्षा मंत्री से हुई इस मुलाकात को प्रदेश के विश्वविद्यालयों में उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद में हुई गड़बड़ी और दो कुलपतियों पर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों से जोडक़र देखा जा रहा है।