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मजबूत बुनियाद पर अब आगे बढ़ेगी स्कूली शिक्षा, चार मई से शुरू होने वाले अभियान में सभी सरकारी व निजी स्कूल होंगे शामिल


नई दिल्ली। शुरुआती स्तर से ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में सरकार ने अब बालवाटिका से तीसरी कक्षा तक के बच्चों के लिए नए शैक्षणिक मानक तय किए हैं। बालवाटिका से तीसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाई में निपुण बनाने के लिए फिलहाल जो मानक तय किए गए हैं, उसमें बालवाटिका में पढ़ाई करने वाले बच्चों को अक्षरों को पहचान करना आना चाहिए। साथ ही वे उन्हें ठीक तरह से बोल भी पाएं। उन्हें दो और तीन अक्षरों वाले शब्दों को पढ़ना आना चाहिए। साथ ही दस तक की गिनती आनी चाहिए।

इसी तरह पहली कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को छोटे-छोटे शब्दों से बने वाक्यों को पढ़ना आना चाहिए। साथ ही 99 तक की गिनती, आसान जोड़ व घटाना भी आना चाहिए। वहीं दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए जो मानक तय किए गए है, उनमें एक मिनट में उन्हें कम से कम 45 से 60 शब्दों को पढ़ना, 999 तक गिनती का पढ़ना और लिखना व 99 से ऊपर के अंकों का घटाना आना चाहिए। इस तरह तीसरी कक्षा के लिए जो नया मानक तैयार किया गया है, उनमें बच्चे को एक मिनट में साठ से अधिक शब्दों का पढ़ना, 9999 से ऊपर की गिनती को पढ़ना और लिखना सहित आसान गुणा-भाग का भी आना जरूरी है।

मानकों को हासिल करने के लिए तय की गई समय-सीमा

शिक्षा मंत्रालय ने इन मानकों को हासिल करने के लिए 2026-27 की समय-सीमा भी तय की है। मंत्रालय ने वैसे तो इस पहल की शुरुआत पिछले साल ही की थी, लेकिन कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से यह तेजी से आगे नहीं बढ़ पाई।

राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होगी परिचर्चा

ऐसे में मंत्रालय निपुण भारत के नाम से शुरू की गई इस मुहिम को अब कुछ बदलावों और लक्ष्यों के साथ नए सिरे से आगे बढ़ाने की तैयारी में है। चार मई से 18 मई तक देश भर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों तक इस मुहिम को ताकत के साथ पहुंचाने का अभियान शुरू होगा। इस दौरान राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इस पर परिचर्चा होगी। साथ ही इसके अमल को कैसे बेहतर तरीके से लागू किया जाए, इस पर भी चर्चा होगी