मुकदमा दर्ज, आरोपित गिरफ्तार
मधुबनी (आससे)। मधुबनी जिले में एक जज पर थानेदार और दरोगा ने ही पिस्टल तान दी। मामला यहीं नहीं रुका। दोनों पुलिस अधिकारियों ने जज के चैंबर में घुसकर उनके साथ गालीगलौज और मारपीट भी की। मामला झंझारपुर व्यवहार न्यायालय का है। दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। घोघडीहा थाने में तैनात थानाध्यक्ष गोपाल प्रसाद और दारोगा अभिमन्यु कुमार एक शिकायत पर चल रही सुनवाई को लेकर गुरुवार को जज अविनाश कुमार के सामने पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान ही दोनों पुलिकर्मियों ने जज पर हमला कर दिया। फिलहाल घटना की वजह अभी तक सामने नहीं आई है।
मिली जानकारी के अनुसार मधुबनी में कोर्ट के अंदर ही एडीजे पर एक थानेदार ने हमला बोल दिया। थानेदार ने जज के साथ मारपीट की और उन पर पिस्टल भी तान दी। इस दौरान थानेदार के साथ एक दरोगा भी मौजूद था। थानेदार की कारस्तानी से कोर्ट परिसर में खलबली मच गई। कोर्ट परिसर में मौजूद अधिवक्ताओं ने थानेदार के हाथ से पिस्टल छीनी और उसे पकडक़र जमकर धुना। आपाधापी और मारपीट में पुलिस के दोनों अधिकारी और जज के अलावा एक कर्मचारी और कुछ अधिवक्ता घायल हुए हैं।
बताया जाता है एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण को उसी थाना क्षेत्र की एक महिला आशा देवी द्वारा दिए गए एक आवेदन के बारे में पूछताछ के लिए बुलाया था। बुधवार को ही पुलिस अधिकारी को बुलाया गया था जबकि वह गुरुवार को एएसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा के साथ पहुंचे। पूछताछ के दौरान ही कहासुनी हो गयी। इस पर थानेदार ने जज के साथ हाथापाई शुरू कर दी। थानेदार ने पिस्टल भी तान दी।
एडीजे के साथ हाथापाई से अचानक अफरातफरी मच गई। एडीजे के चैंबर से हल्ला मचने पर कोर्ट परिसर में मौजूद अधिवक्ता और कर्मचारी दौडक़र चैंबर में पहुंचे और थानाध्यक्ष के हाथ से उसका पिस्टल छीनकर स्थिति को काबू में किया। थानेदार को काबू में करने के साथ ही भीड़ ने दोनों पुलिस अधिकारियों की पिटाई की। घटना की सूचना मिलते ही सारे अधिवक्ता न्यायालय कक्ष के समक्ष जमा हो गए और दोनों पुलिस अधिकारियों को अपने कब्जे में लेकर चैंबर में ही धकेल कर बंद कर दिया। अधिवक्ताओं का कहना था कि दोनों पुलिस अधिकारी को कोर्ट से ही रिमांड कर भेजा जाए और प्राथमिकी दर्ज की जाए।
इस पूरी घटना पर झंझारपुर बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बलराम साह ने बताया कि हंगामा होते ही हम लोग जज के चैंबर में घुसे। हमने देखा कि एसआई अभिमन्यु कुमार जज अविनाश कुमार पर पिस्टल ताने हुए हैं, साथ ही गंदी-गंदी गालियां भी दे रहे हैं। इसके बाद वहां मौजूद सभी वकील और कोर्ट में रहने वाले पुलिसकर्मी आए और जज को सुरक्षित निकाला। वे डर से थर-थर कांप रहे थे।
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी-डीएसपी सहित अन्य अधिकारी कोर्ट पहुंचे और जज के साथ बैठकर मामले की जानकारी ली। इस मामले में झंझारपुर बार एसोसिएशन ने दोनों पुलिस अधिकारियों के साथ ही मधुबनी एसपी पर भी काररवाई की मांग की है। उन्हें इस मामले में आरोपित किए जाने की मांग की गई है। बलराम साह का कहना है कि जब तक ऐसा नहीं होता है, झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में कामकाज स्थगित रहेगा।
मधुबनी एसपी डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि झंझारपुर न्यायालय के न्यायधीश और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की का मामला सामने आया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर कड़ी काररवाई की जाएगी। किसी भी हाल में उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
जज अविनाश कुमार ने इसी साल सितंबर में छेड़छाड़ के आरोपी को अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोने और प्रेस करने की शर्त पर बेल दी थी। यह सेवा आरोपी को लगातार 6 महीने तक मुफ्त में देनी है। जज ने गांव के पंच-सरपंच को इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा था। 6 महीने पूरे होने पर दोषी को मुफ्त सेवा का प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट में जमा करने का भी आदेश दिया गया था। आरोपी 20 साल का है और पेशे से धोबी है।एक अन्य मामले में शिक्षक को पहली क्लास से 5वीं तक के गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने की शर्त पर जमानत दी थी।
बताया जाता है कि अविनाश कुमार की कोर्ट ने भैरव स्थान थाने में दर्ज एक एफआईआर में पॉक्सो एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 नहीं लगाने पर केंद्र और राज्य सरकार को 14 जुलाई 2021 को एक साथ पत्र जारी किया था। इसमें मधुबनी एसपी, झंझारपुर डीएसपी और भैरव स्थान थाना के अलावा व्यवहार न्यायालय के एक अधिकारी पर सवाल खड़े किए थे। उनको कानून की जानकारी नहीं होने की भी बात कही थी।