पटना

पटना: पाठक की धमक से अलर्ट मोड में मद्य निषेध विभाग, शराब माफियाओं में हड़कंप


किसी भी स्तर पर लापरवाही को नहीं करेंगे बरदाश्त 

(आज समाचार सेवा)

पटना। १९९० बैच के आइएएस केके पाठक ने गुरुवार को अपर मुख्य सचिव के रुप में निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध की जिम्मेवारी संभाल ली है। उनके विभाग में पहुंचने से पहले ही विकास भवन के गलियारे की हवा बदली हुई थी। विभाग के अधिकारी व कर्मचारी राइट टाइम थे। श्री पाठक के पदभार संभालते ही न केवल उत्पाद, निबंधन एवं मद्य निषेध विभाग बल्कि पुलिस और शराब माफियाओं के राजनीतिक संरक्षकों में भी हडक़ंप मच गया है। गलियारे में तरह-तरह की चर्चायें चल रही थी। हालांकि अधिकारियों एवं शराब माफियाओं को पदभार संभालते ही स्पष्ट संदेश दे दिया है कि शराबबंदी अब प्रभावी तरीके से लागू होगा। राज्य की सीमा के अंदर शराब का कारोबार नहीं चलेगा। इसके लिए वे किसी भी स्तर पर लापरवाही बरदास्त नहीं करेंगे।

श्री पाठक नियत समय से अपने कार्यालय पहुंच निर्तमान अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद से प्रभार लिया। इसके बाद विभागीय मंत्री सुनील कुमार से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात की। मुलाकात के वक्त निवर्तमान अपर मुख्य सचिव के अलावा उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी समेत कई अन्य अधिकारी थे। श्री पाठक ने अधिकारियों व कर्मचारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि हर हाल में शराबबंदी का सफल बनाना है।

उल्लेखनीय है कि गोपालगंज, कैमूर एवं समस्तीपुर में जहरीली शराब से ३३ लोगों की मौत के बाद बिहार की राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारे में हडक़ंप मच गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने १६ नवंबर को लगभग सात घंटे तक मैराथन बैठक कर शराबबंदी का प्रभावी बनाने के लिए कई अहम निर्णय लिया था। ठीक एक दिन बाद कडक़ आइएएएस और शराबबंदी कानून बनाने वाले केके पाठक को एक बार फिर इस विभाग की जिम्मेवारी सौंपने का निर्णय लिया। गुरुवार को प्रभार संभालते ही विभाग की फिजा बदली बदली नजर आयी।