मधेपुरा (आससे)। जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीना की अध्यक्षता में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को नियंत्रण करने हेतु लगाये गए लॉकडाउन से जिलावासियों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके मद्देनजर आज जिला आपूर्ति पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी तथा सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य सुविधा एवं जन वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने पर परिचर्चा किया गया।
बैठक में सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि वे प्रतिदिन अपने-अपने प्रखंड अंतर्गत जन वितरण प्रणाली के पाँच दुकानों का निरीक्षण करेंगे। साथ ही लाभूकों से जानकारी प्राप्त करेंगे कि उक्त जन वितरण प्रणाली बिक्रेता द्वारा राज्य सरकार के निदेशानुसार माह मई, 2021 दिया जा रहा निर्धारित खाद्यान्न पात्र लाभुकों को ससमय निःशुल्क मिल रहा है अथवा नहीं। साथ ही यह भी निदेश दिया गया कि निरीक्षण में यदि पाया जाता है कि किसी भी जन वितरण प्रणाली बिक्रेता द्वारा अनियमितता बरती जा रही है तो उसका प्रतिवेदन अनुमंडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे, ताकि संबंधित जन वितरण प्रणाली बिक्रेता पर प्राथमिक दर्ज करते हुए
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 एवं एपिडेमिक एक्ट की सुसंगत धाराओं तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 तथा भा.दं.वि. की धारा 188 के प्रावधानों के तहत विधिसंगत कार्रवाई की जाएगी।साथ ही दिनाँक 29,30 एवं 31 मई को खाद्यान दिवश मनाने का निर्णय लिया गया।
जिले के सभी शहरी क्षेत्रों के साथ साथ ग्रामीण स्तर पर भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त हो सके, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार के निदेशानुसार सभी प्रखंडों मे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को खोल दिया गया है। सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि वे अपने-अपने प्रखंडों मे चल रहे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण कर जानकारी देंगे कि उक्त अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सुचारू रूप से कार्यरत हैं अथवा नहीं तथा दवाई की उपब्धता, साफ-सफाई, चिकित्सक का डियूटी चार्ट इत्यादि का गहनता से जांच करेंगे तथा स्थानीय लोगों से फिडबैक प्राप्त करेंगे तथा कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा त्रुटि प्राप्त होती है तो उसका प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे, ताकि संबंधित चिकित्सक अथवा स्वास्थ्य कर्मी पर एपिडेमिक एक्ट की सुसंगत धाराओं तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 तथा भा.दं.वि. की धारा 188 के प्रावधानों के तहत विधिसंगत कार्रवाई की जाएगी।