नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है। इन तीनों ही राज्यों में अब तक सीएम पद का नाम साफ नहीं हो पाया है। तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री के कई दावेदार सामने आ रहे हैं। हालांकि, इस पर आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है।
ऐसे में आपको मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की ताजा स्थिति के बारे में बताते हैं कि कब सीएम के नाम पर सस्पेंस खत्म हो सकता है।
11 दिसंबर को होगी एमपी में विधायक दल की बैठक
मध्य प्रदेश में 3 दिसंबर को चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद से शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रहलाद पटेल और सिंधिया समेत सीएम पद के लिए कई दावेदारों के नामों की चर्चा है। सभी नेताओं ने अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ा है। हालांकि, इन अटकलों के बीच भोपाल में भाजपा विधायक दल की बैठक 11 दिसंबर को होगी। इस बैठक में सीएम के नाम का एलान हो सकता है।
राजस्थान में क्या है ताजा स्थिति?
राजस्थान में भी बीजेपी की मुश्किल आसान नहीं दिख रही है। राजस्थान बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाला था, जिसमें सबसे बड़ा नाम वसुंधरा राजे का है। जो राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री है। इसके अलावा दिया कुमारी, बाबा बालकनाथ के नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि, खुद बालकनाथ ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजरअंदाज करें। बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज शाम राजस्थान के नवनिर्वाचित विधायकों से बातचीत करेंगे।
छत्तीसगढ़ में किसके सिर सजेगा ताज?
वहीं, छत्तीसगढ़ भाजपा में भी मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर मंथन का दौर जारी है। छत्तीसगढ़ में भी विधायक दल की बैठक की तारीख तय हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि विधायक दल की बैठक 10 दिसंबर को होगी। इसमें मुख्यमंत्री के नाम का एलान हो सकता है। बता दें कि मुख्यमंत्री पद के लिए रमन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के नाम की चर्चा है।
किस राज्य में कितनी मिली सीटें?
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीजेपी को 163 सीटों पर जीत मिली है। जबकि राजस्थान में 115 सीटें और छत्तीसगढ़ में 54 सीटों पर जीत हासिल की है। मध्य प्रदेश में बीजेपी सत्ता बचाने में कामयाब रही। वहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी।